नेशनल ब्रेकिंग. दिसंबर में रिटेल महंगाई दर 4 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महंगाई घटकर 5.22% हो गई है, जबकि नवंबर में यह दर 5.48% थी। महंगाई की दर में कमी से आम आदमी को कुछ राहत मिली है। महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। खाने-पीने की चीजों की महंगाई महीने दर महीने आधार पर 9.04% से घटकर 8.39% हो गई है।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कमी
वहीं ग्रामीण महंगाई 5.95% से घटकर 5.76% और शहरी महंगाई 4.89% से घटकर 4.58% हो गई है, जिससे दोनों क्षेत्रों में महंगाई में कमी देखने को मिली है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इंफ्लेशन के अनुमान को 4.8 फीसदी कर दिया था, जबकि इसके पहले आरबीआई ने इसे 4.5 फीसदी बताया था।
इनके दाम बढ़ें
दाल की कीमतें 3.83% बढ़ीं, जबकि पिछले महीने यह 5.4% तक बढ़ी थी। दूध की कीमत में 2.8% की वृद्धि देखी गई, जबकि पिछले महीने यह 2.9% तक महंगी हुई थी। मांस और मछली की कीमतों में 4.7% तक वृद्धि, और अनाज के दामों में 4.7% तक बढ़ोतरी देखी गई।
मांग के आधार पर असर
महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। ज्यादा डिमांड और कम सप्लाई से महंगाई बढ़ती है, जबकि कम डिमांड और ज्यादा सप्लाई से महंगाई घटती है।