Tuesday, April 29, 2025
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कैंसर-डायबिटीज मरीजों के लिए बुरी खबर: जरूरी दवाएं हो सकती हैं महंगी

स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जो कैंसर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. सरकार जल्द ही जरूरी दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रही है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इन दवाओं के दाम में 1.7 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है. इसमें एंटीबायोटिक्स और दूसरी जरूरी दवाएं भी शामिल हैं, जो आम लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं.

कीमतें बढ़ने की वजह क्या है?

ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के महासचिव राजीव सिंघल ने बताया कि दवाओं के दाम बढ़ने से फार्मा कंपनियों को थोड़ी राहत मिलेगी. उनका कहना है कि कच्चे माल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है और प्रोडक्शन का खर्च भी बढ़ गया है. ऐसे में कीमतों में बदलाव जरूरी हो गया था. हालांकि, ये बढ़ोतरी मरीजों की जेब पर भारी पड़ सकती है.

बाजार में कब दिखेगा असर?

अगर सरकार ये फैसला लागू करती है, तो नई कीमतों का असर तुरंत नहीं दिखेगा. दवा दुकानों में अभी 2-3 महीने का पुराना स्टॉक मौजूद है. इसका मतलब है कि मई या जून 2025 से आपको दवाओं के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं. मरीजों को अभी से अपने बजट की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.

फार्मा कंपनियों पर सवाल क्यों उठते हैं?

फार्मा इंडस्ट्री पहले भी विवादों में रही है. एक संसदीय रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि कई कंपनियां तय नियमों को तोड़कर कीमतें बढ़ाती हैं. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 307 ऐसे मामले पकड़े, जहां कंपनियों ने गलत तरीके से दाम बढ़ाए. मरीजों के हितों की रक्षा के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

सरकार के नियम क्या कहते हैं?

एनपीपीए दवाओं की कीमतों को 2013 के ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के तहत कंट्रोल करता है. इसका मकसद ये सुनिश्चित करना है कि जरूरी दवाएं हर किसी की पहुंच में रहें. 2022 की राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची के चलते मरीजों को हर साल करीब 3788 करोड़ रुपये की बचत हुई थी. लेकिन अब कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला इस बचत को कम कर सकता है. ये खबर उन लाखों मरीजों के लिए चिंता की बात है, जो हर महीने इन दवाओं पर निर्भर हैं. सरकार और फार्मा कंपनियों के बीच संतुलन बनाना अब बड़ी चुनौती होगी.

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक
  1. सरकार कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग और एंटीबायोटिक्स जैसी आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1.7% की बढ़ोतरी कर सकती है।
  2. दवाओं की कीमतों में वृद्धि से फार्मा इंडस्ट्री को कच्चे माल और अन्य खर्चों की लागत में राहत मिलेगी।
  3. नई कीमतों का असर 2 से 3 महीनों बाद दिखेगा, क्योंकि 90 दिनों का स्टॉक पहले से मौजूद रहता है।
  4. फार्मा कंपनियों पर बार-बार मूल्य वृद्धि सीमा का उल्लंघन करने के आरोप लगते रहे हैं।
  5. सरकार राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) के तहत दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करती है।
  6. 2022 की आवश्यक औषधि सूची के कारण मरीजों को सालाना 3788 करोड़ रुपये की बचत हुई थी।
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