आश्रम सीजन 3 पार्ट 2 में बॉबी देओल की एक्टिंग ने फिर साबित किया कि वो इस किरदार में परफेक्ट हैं। हालांकि कहानी की धीमी गति और लंबे सीन्स ने दर्शकों की रुचि को थोड़ा कम कर दिया। अदिति पोहानकर और चंदन रॉय ने अपने किरदारों में जान डाल दी है, लेकिन सीरीज में पहले जैसी पकड़ नहीं रह पाई है।
नेशनल ब्रेकिंग: लॉकडाउन के समय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ने लोगों को घर बैठे शानदार कंटेंट दिया, और उन्हीं में से एक थी प्रकाश झा की वेब सीरीज ‘आश्रम’। साल 2020 में आई इस सीरीज ने बॉबी देओल को बाबा निराला के किरदार में एक नया अवतार दिया। अब इस सीरीज के तीसरे सीजन का दूसरा पार्ट रिलीज हो चुका है, लेकिन क्या ये पहले जितना दमदार है? आइए जानते हैं।
कहानी में ट्विस्ट और टर्न्स की भरमार
इस बार कहानी बाबा निराला (बॉबी देओल) और पम्मी (अदिति पोहानकर) के बीच की लड़ाई पर केंद्रित है। पिछले सीजन में पम्मी को जेल भेज दिया जाता है, जहां उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बाबा निराला खुले आम घूमते रहते हैं, लेकिन पम्मी अपने बदले की आग में जल रही है। इस बार भोपा स्वामी (चंदन रॉय) की भूमिका भी काफी अहम हो जाती है। क्या पम्मी और भोपा मिलकर बाबा निराला का सच सबके सामने ला पाएंगे? ये देखना दिलचस्प है।
सीरीज की गति और प्रेजेंटेशन में कमी
‘आश्रम’ की शुरुआत भले ही शानदार रही हो, लेकिन तीसरे सीजन के दूसरे पार्ट में कहानी की रफ्तार धीमी हो गई है। स्क्रीनप्ले इतना स्लो है कि कई एपिसोड्स लंबे और उबाऊ लगने लगते हैं। हालांकि सीरीज का क्लाइमैक्स कहानी को सही मोड़ पर लाकर खत्म करता है, लेकिन दर्शकों का जुड़ाव पहले जैसा नहीं रह पाता।
बॉबी देओल और अदिति पोहानकर ने किया शानदार काम
इस सीजन में भी बॉबी देओल ने बाबा निराला के किरदार को पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ निभाया है। उनकी परफॉर्मेंस दमदार है और हर सीन में वो अपनी छाप छोड़ते हैं। वहीं अदिति पोहानकर ने पम्मी के किरदार में बेहतरीन काम किया है। उनके इमोशंस और एक्सप्रेशंस कहानी को मजबूती देते हैं। भोपा स्वामी के रोल में चंदन रॉय ने भी सरप्राइज किया है।