सिमी और वीर का रिश्ता इंस्टाग्राम पर शुरू हुआ था और जल्दी ही रियल लाइफ में भी प्यार हो गया। वीर के कैफे की लैमन मोहितो जितनी refreshing थी उनकी ट्यूनिंग। दोनों साथ में दिल्ली के स्ट्रीट फूड ट्रायल्स करते, सिरी फोर्ट में रनिंग डेट्स और खान मार्केट की थरपी शॉपिंग। सब कुछ परफेक्ट लग रहा था।
लेकिन फिर कहानी में एंट्री हुई – आरव की।
कॉलेज फ्रेंड था। एक दिन अचानक एक मेसेज आया –
“Hey, याद है वो IIFT का फेस्ट? तुझे नचाकर छोड़ दिया था मैंने!”
हंसी-मजाक में बातें शुरू हुईं, फिर देर रात तक चैटिंग और वॉइस नोट्स। सिमी को अच्छा लगने लगा, एक-एक मैसेज के बाद उसके मजेदार रिप्लाई का बेसब्री से इंतजार करती। इन सब के बीच जाने-अनजाने वो वीर से डिस्कनेक्ट होने लगी।
धीरे-धीरे वीर मैसेज करता, आउटिंग पर जाने के लिए कहता… तो जवाब होता– “Busy हूं यार, clients ने जान खा रखी है।”
एक शाम जब वीर ने पूछा,
“तू मुझसे कुछ छुपा रही है क्या?”
सिमी अंदर से महसूस हुआ कि वो अनजाने में अपने अच्छी खासी लाइफ में बहुत बड़ी गड़बड़ करने जा रही थी।… THE END
…. अब आप दोस्त लोग सोच रहे होंगे, चलो सिमी को टाइम पर एहसास हो गया। इतना तो चलता है… ‘नो बिग डील’…, लेकिन असली गड़बड़ यहीं से शुरू होती है। क्योंकि दुनिया की सारे सिमी और वीर के कनेक्शन इतने लकी नहीं होते… अक्सर उनका रिश्ता इमोशनल इनफिडेलिटी का शिकार हो जाता है।
इमोशनल इनफिडेलिटी—यानी दिल का कनेक्शन किसी और से जुड़ जाना, भले ही आप रिलेशनशिप में हो।
ये चीज़ कब और कैसे होती है?
आजकल तो सोशल मीडिया, इंस्टा डीएम, ऑफिस की चाय ब्रेक या ग्रुप प्रोजेक्ट—किसी से भी दोस्ती करना आसान हो गया है। लेकिन कभी-कभी वो दोस्ती इतनी डीप हो जाती है कि तुम अपने दिनभर के लम्हे उसी के साथ शेयर करने लगते हो।
कहते हो, “हम बस अच्छे दोस्त हैं”, लेकिन असल में तुम्हारा दिल वहीं खिंचने लगता है। और सबसे बड़ी बात? तुम्हें खुद भी पता नहीं चलता कि तुम अपने पार्टनर से इमोशनली दूर हो रहे हो।
साइकोलॉजिस्ट क्या कहते हैं?
साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक, इमोशनल इनफिडेलिटी तब होती है जब कोई अपने पार्टनर से ज़्यादा जुड़ाव किसी और के साथ महसूस करने लगता है, भले ही फिजिकल रिलेशन ना हो। जब कोई अपनी भावनाएं, समस्याएं और खुशियां पार्टनर की बजाय किसी तीसरे से शेयर करने लगे। इस स्थिति से बचने के लिए कपल्स को चाहिए कि वे खुलकर बात करें, रिश्ते में एक्साइटमेंट बनाए रखें और इमोशनल ट्रांसपेरेंसी बरकरार रखें।
- जब आप अपने रिलेशनशिप की प्रॉब्लम्स किसी और को बताते हो, लेकिन पार्टनर से बात नहीं करते।
- जब किसी और के ‘Hey…😍’ मैसेज से चेहरा खिलता है,
- जब को कोई एक्साइटेड चीज करनी हो और तुम्हारा पहला कॉल पार्टनर नहीं, कोई और हो… तो ब्रो, मामला सीरियस है।
अब सवाल—इससे बचें कैसे?
👉 ओपन बुक बनो: अगर किसी से ज्यादा बात हो रही है, तो उसे छुपाओ मत। पार्टनर से क्लियर रहो।
👉 रेड फ्लैग्स खुद पकड़ो: क्या तुम किसी और को ज़्यादा value देने लगे हो?
👉 रिश्ते में excitement लाओ: बातें करो, गेम खेलो, मूवी देखो… रिलेशनशिप को फ्रेश रखो।
👉 ‘मेरे पास टाइम नहीं है’ बहाना मत बनाओ: टाइम तो तुम उस फ्रेंड के लिए भी निकाल लेते हो, ना?
Bottom Line…
रिलेशनशिप में सबसे जरूरी चीज़ है Honesty और Emotional loyalty। अगर वो गायब हो गई, तो रिश्ता सिर्फ नाम का रह जाता है।
तो अगली बार जब किसी को ‘just friend’ कहो, तो खुद से पूछना—क्या मैं उस दोस्त से ज्यादा जुड़ चुका हूं?
क्योंकि प्यार में जिस्म की नहीं, जज़्बात की बेवफाई सबसे ज्यादा दर्द देती है।

- इमोशनल इनफिडेलिटी तब होती है जब कोई अपने पार्टनर से ज़्यादा जुड़ाव किसी और के साथ महसूस करने लगता है, भले ही फिजिकल रिलेशन न हो।
- सोशल मीडिया, इंस्टा DMs या ऑफिस में एक खास दोस्ती धीरे-धीरे इतने गहरे कनेक्शन में बदल सकती है कि असली रिश्ते में दूरी आने लगती है।
- मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, जब कोई अपनी भावनाएं, समस्याएं और खुशियां पार्टनर की बजाय किसी तीसरे से शेयर करने लगे, तो समझो रेड फ्लैग है।
- इस स्थिति से बचने के लिए कपल्स को चाहिए कि वे खुलकर बात करें, रिश्ते में एक्साइटमेंट बनाए रखें और इमोशनल ट्रांसपेरेंसी बरकरार रखें।
- ईमानदारी और जज़्बाती वफादारी, आज के रिश्तों में सबसे अहम हैं। इन्हें नजरअंदाज करने पर रिश्ता सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह जाता है।