Monday, April 28, 2025
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RBI ने एक साल में 57.5 टन सोना खरीदा, वैश्विक अस्थिरता के बीच गोल्ड रिजर्व में रिकार्ड बढ़ोतरी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025 में 57.5 टन सोने की खरीदारी कर बाजार को चौंका दिया है। सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता के बीच यह कदम केंद्रीय बैंक की संपत्ति को सुरक्षित बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। मार्च 2025 तक आरबीआई के पास कुल 879.6 टन सोना जमा हो चुका है, जो एक साल पहले मार्च 2024 में 822.1 टन था।

विशेषज्ञों के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव, डॉलर की अस्थिरता और अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड में आई कमजोरी के चलते विश्वभर के केंद्रीय बैंक गोल्ड रिजर्व बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

डॉलर उतार-चढ़ाव से बढ़ी सोने की मांग

2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद बाजार में आई भारी उथल-पुथल ने निवेशकों का रुख सोने जैसी सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर मोड़ दिया। खासकर डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया, जिससे सोने की मांग में जबरदस्त उछाल आया। नुवामा में करेंसी और कमोडिटीज हेड सजल गुप्ता के अनुसार, वैश्विक केंद्रीय बैंक अमेरिकी बॉन्ड्स पर निर्भरता कम कर रहे हैं और सोने को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।

सोने की बढ़ती कीमतों से फॉरेक्स रिजर्व को मिला फायदा

आरबीआई की सोना खरीद नीति न सिर्फ भविष्य की आर्थिक अनिश्चितताओं से बचाव का जरिया बन रही है, बल्कि इसने विदेशी मुद्रा भंडार में भी सकारात्मक योगदान दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, 11 अप्रैल 2025 तक भारत के फॉरेक्स रिजर्व में सोने का हिस्सा बढ़कर 11.8% हो गया है, जबकि पिछले वर्ष यह केवल 8.7% था। इसी अवधि में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे आरबीआई को अप्रत्याशित लाभ हुआ।

केंद्रीय बैंकों की गोल्ड स्ट्रैटेजी में बदलाव

डेटा बताता है कि आरबीआई ने 2021-22 में 66 टन, 2022-23 में 35 टन और 2023-24 में 27 टन सोना खरीदा था। वित्त वर्ष 2025 में 57.5 टन की खरीद यह दर्शाती है कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक माहौल में सोना केंद्रीय बैंकों के लिए फिर से सबसे पसंदीदा सुरक्षित परिसंपत्ति बन गया है।

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