केंद्र सरकार ने IRCTC और IRFC को 'नवरत्न' का दर्जा दिया है, जिससे अब ये कंपनियां बिना सरकारी मंजूरी के 1000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकेंगी। इससे रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी और कंपनियां तेजी से फैसले ले सकेंगी। इस निर्णय से इन कंपनियों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा।
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे की दो प्रमुख कंपनियों IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) और IRFC (Indian Railway Finance Corporation) को ‘नवरत्न’ का दर्जा देने का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद इन कंपनियों को बिना सरकारी मंजूरी के 1000 करोड़ रुपये तक का निवेश करने की स्वीकृति मिलेगी, जिससे इनकी कार्यप्रणाली को और अधिक तेज़ और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
‘नवरत्न’ का दर्जा: कंपनियों को मिलेगा निवेश करने का अधिकार
‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने से इन कंपनियों को अब सरकार से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी जब वे 1000 करोड़ रुपये तक का निवेश करेंगी। इससे रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी और कंपनियां बाज़ार की जरूरतों के हिसाब से तुरंत फैसले लेने में सक्षम होंगी। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने का मौका मिलेगा, साथ ही सरकार पर निर्भरता भी कम होगी।
IRCTC और IRFC: कंपनियों की भूमिका
IRCTC की स्थापना 1999 में की गई थी और यह भारतीय रेलवे के लिए टिकट बुकिंग, कैटरिंग, और टूरिज़्म सेवाएं प्रदान करती है। वहीं, IRFC की स्थापना 1986 में हुई थी और यह भारतीय रेलवे के लिए फंड जुटाने का कार्य करती है, जिससे रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार की प्रक्रिया को समर्थन मिलता है।
‘नवरत्न’ का दर्जा पाने वाली कंपनियाँ
अब IRCTC और IRFC देश की 25वीं और 26वीं ‘नवरत्न’ कंपनियां बन गई हैं। इससे पहले MTNL (Mahanagar Telephone Nigam Limited), RVNL (Rail Vikas Nigam Limited) जैसी कंपनियों को भी यह दर्जा मिल चुका है।
शेयर बाजार पर असर
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है, लेकिन सोमवार को IRCTC के शेयर में 0.75% की बढ़ोतरी देखने को मिली, और वह ग्रीन जोन में बंद हुआ। फिलहाल कंपनी का शेयर 676.05 रुपये पर कारोबार कर रहा है। वहीं, IRFC के शेयर में 1.11% की गिरावट आई, और यह 111.15 रुपये पर बंद हुआ।