राजस्थान के सीकर जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक दीपक अग्रवाल को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। अधिकारी पर आरोप है कि वह विभागीय कर्मचारियों से सैलरी बनाने और ट्रांसफर के मामलों में पैसे की मांग करता था।
ट्रांसफर में ‘सहायता’ के बदले रिश्वत
जयपुर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि शिकायतकर्ता कर्मचारी ने दीपक अग्रवाल पर पुराने विभागीय नोटिस और ट्रांसफर में मदद के नाम पर पैसे मांगने का आरोप लगाया। शिकायत के सत्यापन के बाद ACB ने जाल बिछाया और तय रकम लेते समय अधिकारी को पकड़ा।
फील्ड ड्यूटी पर जाने से रोकने का तरीका
सूत्रों के अनुसार, सीकर में जब भी कर्मचारी फील्ड ड्यूटी पर जाते, दीपक अग्रवाल उन्हें कार्यालय से अनुपस्थित दिखाकर कारण बताओ नोटिस जारी करता था। यही नहीं, नोटिस के साथ उनकी तनख्वाह भी रोक दी जाती थी, जिससे कर्मचारियों पर दबाव बनता था।
सैलरी जारी करने के लिए भी पैसे की मांग
आरोप है कि दीपक अग्रवाल सैलरी बनाने के नाम पर भी कर्मचारियों से नियमित भुगतान की मांग करता था। जब कर्मचारी पैसे देने से इनकार करते, तो उन्हें राजनीतिक सिफारिशों के बहाने ट्रांसफर की धमकी दी जाती थी। इस मनमानी से परेशान एक कर्मचारी ने एसीबी से संपर्क किया।
अपार्टमेंट की पार्किंग में हुई गिरफ्तारी
शिकायत मिलने के बाद एसीबी टीम ने जाल बिछाया और शनिवार को सीकर के सुख सागर अपार्टमेंट की पार्किंग में आरोपी को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। यह जगह कल्याण कॉलेज के सामने वाली गली में स्थित है। फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है और मामले की गहन जांच जारी है।