अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर को हुए विमान हादसे ने राजस्थान के सात परिवारों को ऐसा जख्म दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं। इस प्लेन क्रैश में बांसवाड़ा, उदयपुर, बीकानेर और बालोतरा के 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें डॉक्टर दंपती, तीन मासूम बच्चे, व्यापारियों के उत्तराधिकारी भाई-बहन, एक नवविवाहिता और लंदन में बस चुके प्रवासी शामिल हैं।
उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र की 22 वर्षीय पायल खटीक, जो एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए लंदन जा रही थीं, हादसे का शिकार हो गईं। हाल ही में वह अपने परिवार के साथ गुजरात के हिम्मतनगर में रहने लगी थीं। पायल के सपनों की उड़ान भी इस दुर्घटना के साथ रुक गई।

लंदन से लौटे थे, फिर नहीं लौट पाए
उदयपुर के वरदीचंद मेनारिया और रोहिड़ा गांव के प्रकाश मेनारिया, जो लंदन में कुक का काम करते थे, साथ में लंदन लौट रहे थे। वरदीचंद की पत्नी और बेटा उन्हें छोड़ने अहमदाबाद आए थे और वहीं हादसे की खबर मिलते ही स्तब्ध रह गए। वरदीचंद के भाई भगवानलाल भी अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए हैं।
लंदन शिफ्ट होने जा रहे थे डॉक्टर दंपती

बांसवाड़ा की डॉ. कोनी व्यास और उनके पति डॉ. प्रतीक जोशी अपने तीन बच्चों के साथ लंदन शिफ्ट हो रहे थे। कोनी ने एक महीने पहले ही उदयपुर के उमरड़ा स्थित पेसिफिक अस्पताल से इस्तीफा दे दिया था। वे एक नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए लंदन जा रही थीं। लेकिन नियति ने कुछ और ही तय कर रखा था। विमान हादसे में कोनी, प्रतीक और उनके तीन बच्चों—प्रद्युत, मिराया और नकुल—की मौके पर ही मौत हो गई।
बेटी को विदा कर लौटे पिता, मिली मौत की खबर

बालोतरा निवासी मदन सिंह राजपुरोहित अपनी बेटी खुशबू को एयरपोर्ट छोड़कर जैसे ही घर लौटे, रास्ते में ही उन्हें विमान हादसे की सूचना मिली। खुशबू लंदन में अपने पति से मिलने जा रही थीं। एयरपोर्ट पर पिता-पुत्री की वह आखिरी तस्वीर, जिसमें दोनों गले लगकर रोते नजर आए।
खुशबू राजपुरोहित की शादी चार महीने पहले हुई थी, अहमदाबाद विमान हादसे में मारी गईं। वे लंदन में रहने वाले पति से मिलने जा रही थीं। पति ने वीजा दस्तावेज तैयार कर भेजे थे। खुशबू ने घर से गले लगकर विदा ली थी, यह सफर उनका आखिरी साबित हुआ।
लंदन घूमने निकले भाई-बहन
उदयपुर के मार्बल कारोबारी संजीव मोदी के बेटे शुभ और बेटी शगुन भी इस विमान में सवार थे। दोनों भाई-बहन लंदन घूमने जा रहे थे। एमबीए की पढ़ाई के बाद वे पिता के व्यापार में हाथ बंटा रहे थे। अब उनका घर मातम में बदल चुका है। जैसे ही यह खबर पहुंची, उदयपुर के सहेली नगर स्थित उनके आवास पर जिला कलेक्टर नमित मेहता पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया।
पूर्व विधायक के परिवार में भी शोक

बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक किशना राम नाई के नाती अभिनव परिहार की भी इस हादसे में जान चली गई। अभिनव लंदन में बिजनेस कर रहे थे और हाल ही में अहमदाबाद में ट्रेडिंग ऑफिस शुरू किया था। उनका इरादा था कि पत्नी श्वेता और बेटे विहान को लाने के बाद हमेशा के लिए भारत में बस जाएंगे। लेकिन यह सपना साकार होने से पहले ही टूट गया।