गठिया एक आम समस्या है, जो जोड़ों में दर्द, सूजन और रेडनेस का कारण बनती है। इसका मुख्य कारण खून में बढ़ा हुआ यूरिक एसिड लेवल है। गठिया के मरीजों को अपने खानपान पर खास ध्यान देना चाहिए। रेड मीट, शुगरी ड्रिंक्स, रिफाइंड कार्ब्स, मछली और प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करना जरूरी है, ताकि यूरिक एसिड नियंत्रित रहे और दर्द से राहत मिले।
नेशनल ब्रेकिंग: गठिया की समस्या आजकल काफी आम हो गई है, जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन होती है। इसका मुख्य कारण गलत खानपान और लाइफस्टाइल है। गठिया के मरीजों को मीट, शुगरी ड्रिंक्स, रिफाइंड कार्ब्स, मछली और प्रोसेस्ड फूड्स से बचना चाहिए। सही डाइट अपनाकर इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है।
गठिया क्यों होती है और इसके लक्षण
गठिया या अर्थराइटिस की समस्या आजकल के समय में काफी आम हो चुकी है। गठिया होने का बड़ा कारण आपकी लाइफस्टाइल और खानपान है। यह बीमारी ज़्यादातर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होती है, लेकिन आजकल युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। गठिया के मरीजों को घुटनों, एड़ियों, पीठ, कलाई या गर्दन के जोड़ों में दर्द होता है। इस बीमारी में जोड़ों में काफी ज्यादा इंफ्लेमेशन होती है।
यूरिक एसिड और गठिया का कनेक्शन गठिया की समस्या तब होती है जब खून में यूरिक एसिड की मात्रा काफी ज्यादा हो जाती है। यूरिक एसिड ज्वाइंट्स में जमने लगता है और क्रिस्टल बना देता है, जिससे रेडनेस, तेज दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है।
इन चीजों को खाने से करें परहेज
मीट: गठिया की दिक्कत होने पर रेड मीट और ऑर्गन मीट का सेवन करने से बचें। इनमें प्यूरीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिससे जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है।
शुगरी ड्रिंक्स: फ्रुक्टोज और शुगर से भरपूर ड्रिंक्स यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ाकर गठिया की समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकती हैं।
रिफाइंड कार्ब्स: व्हाइट ब्रेड, केक, सफेद चावल और कुकीज जैसी चीजों में पोषक तत्व नहीं होते, जिससे शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ सकता है।
मछली: सार्डिन, टूना जैसी मछलियों का सेवन गठिया के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
प्रोसेस्ड फूड्स: चिप्स, स्नैक्स और फ्रोजन मील जैसे प्रोसेस्ड फूड्स सेहत के लिए बिल्कुल भी हेल्दी नहीं होते और गाउट की समस्या को और बदतर बना सकते हैं।