अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में आज एक विशेष अध्याय जुड़ने जा रहा है। मंदिर के पहले तल पर बनाए गए भव्य राम दरबार की आज प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह आयोजन अभिजीत मुहूर्त—सुबह 11:00 से 11:40 के बीच—की शुभ वेला में संपन्न होगा। प्रतिष्ठा समारोह के दौरान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और श्रीहनुमान की प्रतिमाएं विधिपूर्वक प्रतिष्ठित की जाएंगी।
राम दरबार में विराजमान देवताओं को विशेष आभूषणों से अलंकृत किया जाएगा। ये आभूषण सूरत के प्रसिद्ध हीरा व्यापारी और ग्रीन लैब डायमंड कंपनी के मालिक मुकेश पटेल द्वारा श्रद्धापूर्वक दान किए गए हैं। इसमें एक हजार कैरेट हीरे, 300 कैरेट रूबी, 30 किलो चांदी और 300 ग्राम सोना शामिल है, जिनसे 11 मुकुट, धनुष-बाण, गदा, तिलक, हार और कुंडल बनाए गए हैं।
हीरे-जवाहरात से सजेगा दरबार
विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया के मुताबिक, इन दान किए गए आभूषणों में चार बड़े और तीन छोटे धनुष, चार तुणीर, तीन गदा और चंवर भी शामिल हैं। हर एक देव मूर्ति के अनुरूप ये आभूषण पारंपरिक शिल्प के साथ बनाए गए हैं। ये सभी सामग्री चार्टर्ड प्लेन से विशेष सरकारी सहयोग के तहत अयोध्या पहुंचाई गई। बाद में इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित किया गया।
गौरतलब है कि 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय भी मुकेश पटेल द्वारा दान किए गए एक मुकुट को रामलला ने धारण किया था। अब, पूरे राम दरबार के लिए उन्होंने न केवल मुकुट, बल्कि संपूर्ण आभूषण श्रृंखला का निर्माण करवाया है।
योगी करेंगे आयोजन में शिरकत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज स्वयं राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में मौजूद रहेंगे। उनका अयोध्या में लगभग छह घंटे का प्रवास प्रस्तावित है। इस भव्य आयोजन की शुरुआत सुबह 5:30 बजे से होगी और दोपहर 11:40 बजे तक विभिन्न अनुष्ठानों के साथ सम्पन्न होगी।
राम दरबार के साथ-साथ मंदिर परिसर के सात अन्य उपमंदिरों में भी मूर्तियों की प्रतिष्ठा होगी। मंदिर के परकोटे में ईशान कोण पर शिवलिंग, आग्नेय में श्रीगणेश, दक्षिण दिशा में हनुमानजी, नैऋत्य में सूर्यदेव, वायव्य में मां भगवती, और उत्तरी दिशा में माता अन्नपूर्णा के विग्रहों को प्रतिष्ठित किया जाएगा।
सप्त ऋषियों और भक्तों की मूर्तियां भी स्थापित
मंदिर के सप्त मंडपम खंड में भारत की आध्यात्मिक विरासत के प्रतीक महापुरुषों की मूर्तियां भी प्रतिष्ठित की जाएंगी। इनमें महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, वशिष्ठ, अगस्त्य, निषादराज, अहिल्या और शबरी शामिल हैं। इन सभी मूर्तियों की प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान 3 जून से ही आरंभ हो चुके थे।
मूल आयोजन भले ही राम दरबार के आसपास केंद्रित हो, लेकिन इसकी परिधि में अयोध्या की पूरी आध्यात्मिक विरासत सजीव होती दिख रही है। यहां श्रद्धा, परंपरा और भव्यता के त्रिवेणी नजर आ रही है।