उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह ठीक 6 बजे खोले गए, जिसके साथ ही चारधाम यात्रा 2025 का औपचारिक शुभारंभ हो गया। कपाटोद्घाटन की पावन घड़ी में मुख्य पुजारी (रावल) ने पहले गणेश पूजा कर भगवान बद्रीविशाल के दरवाजे खोले। मंदिर परिसर भक्तों के जय बद्रीविशाल के उद्घोष से गूंज उठा। अब अगले छह महीने तक श्रद्धालु भगवान बद्रीविशाल के दर्शन कर सकेंगे। भगवान बद्रीनाथ के पट खुलते ही अब चारों धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है। इससे पहले गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के पट खुल चुके हैं।
महिलाओं के लोकगीत और गढ़वाल राइफल्स की बैंड की प्रस्तुति
इस खास मौके पर स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीत गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। वहीं, गढ़वाल राइफल्स की बैंड टीम ने भी पारंपरिक धुनें बजाकर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। पूरे मंदिर क्षेत्र में एक अलग ही ऊर्जा और श्रद्धा का संचार देखने को मिला।
पहले दो घंटे में पहुंचे 10,000 से ज्यादा श्रद्धालु
कपाट खुलने के केवल दो घंटों के भीतर 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुंच चुके थे। दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी रहीं और हर कोई अपने आराध्य के दर्शन पाने को उत्साहित नजर आया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना की और दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया।




चारधाम यात्रा का क्रम: अक्षय तृतीया से केदारनाथ तक
इससे पहले 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। 3 मई को भगवान बद्रीविशाल की पालकी, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, तथा कुबेर और उद्धव की उत्सव डोली धाम पहुंच चुकी थी, जिससे यात्रा की तैयारियां पूरी हो गई थीं।