क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर का गुरुवार देर रात जयपुर में निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती थे, जहां रात करीब 10:15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। किडनी और अन्य अंगों की कमजोरी के चलते उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
संघ भवन में अंतिम दर्शन, दोपहर को अंतिम संस्कार
रोलसाहबसर की पार्थिव देह को जयपुर स्थित संघ शक्ति भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। अंतिम संस्कार शुक्रवार दोपहर 3 बजे जयपुर में ही होगा। उनके निधन से क्षत्रिय समाज और मालानी अंचल में शोक की गहरी लहर है।
समाजसेवा में जीवन समर्पित किया
2 फरवरी 1944 को सीकर जिले के रोलसाहबसर गांव में जन्मे भगवान सिंह, अपने माता-पिता मेघ सिंह और गोम कंवर की पांचवीं संतान थे। बाड़मेर के गेहूं रोड स्थित ग्राम्य आलोकायन आश्रम में वे वर्षों से निवास कर रहे थे। इस आश्रम में वे शिविरों के माध्यम से संस्कार, अनुशासन और समाज निर्माण की प्रेरणा देते रहे।
यह आश्रम न सिर्फ सामाजिक प्रशिक्षण का केंद्र बना, बल्कि कई राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों के संपर्क का भी केंद्र रहा है। सचिन पायलट, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई वरिष्ठ नेता यहां शिविरों में भाग ले चुके हैं। भगवान सिंह ने हमेशा खुद को राजनीति से दूर रखा और समाज सेवा को ही अपना धर्म माना।
संघ से 1963 में जुड़े, छात्रावास शाखा संभाली
भगवान सिंह ने 1963 में रतनगढ़ में हुए 7 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के साथ क्षत्रिय युवक संघ से जुड़ाव शुरू किया। इसके बाद वे संगठन के समर्पित स्वयंसेवक बन गए। जयपुर के राजपूत छात्रावास की शाखा का भी संचालन उन्होंने वर्षों तक किया। उनके नेतृत्व में संघ ने कई युवाओं को अनुशासन और समाज के प्रति समर्पण का मार्ग दिखाया।
नेताओं ने जताया शोक
उनके निधन की खबर फैलते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की और समाज के लिए उनके योगदान को याद किया।