पंजाब और हरियाणा में गरीबों के लिए शुरू की गई भारत राइस योजना अब जांच एजेंसियों के रडार पर आ गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस योजना में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कई ठिकानों पर छापेमारी की है। जालंधर स्थित ईडी टीम ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत यह कदम उठाया।
छापेमारी के दौरान ₹2.02 करोड़ नकद, करीब ₹1.12 करोड़ मूल्य का सोने का बुलेयन, दर्जनों इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं।
गरीबों के चावल बेचकर कमाया अवैध मुनाफा
जांच में सामने आया कि आरोपी संस्थाओं ने सरकारी एजेंसियों से सब्सिडी दरों पर चावल खरीदा, जिसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को वितरित किया जाना था, लेकिन योजना के नियमों की अनदेखी करते हुए उस चावल को अन्य मिलर्स या अनधिकृत चैनलों के माध्यम से बेचा गया, जिससे अवैध लाभ कमाया गया।
योजना के तहत चावल को साफ, प्रोसेस्ड और पैक्ड रूप में केवल अधिकृत बिक्री केंद्रों के माध्यम से ही वितरित किया जाना था।
क्या है भारत राइस योजना
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना खाद्य सुरक्षा के तहत बनाई गई है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों को ₹29 प्रति किलो की दर से गुणवत्ता वाला चावल उपलब्ध कराना है। यह योजना NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार जैसी एजेंसियों के माध्यम से संचालित होती है, और इसका वितरण मोबाइल वैन, आउटलेट्स और ई‑कॉमर्स माध्यमों से किया जाता है। यह योजना “सबका साथ, सबका विकास” और “वन नेशन, वन राशन कार्ड” पहल का हिस्सा है।
पहले भी हुई थी कार्रवाई
इससे पहले 21 मई 2025 को ईडी ने बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड के मोहाली स्थित कार्यालय पर भी छापा मारा था। उस कार्रवाई में ₹42 लाख नकद और चार लग्जरी कारें जब्त की गई थीं। अब ईडी इस मामले में सभी संदिग्ध संस्थाओं और व्यक्तियों की भूमिका, फंड फ्लो और लाभार्थियों की पहचान को लेकर गहराई से जांच कर रहा है।