सिंगापुर में COVID-19 के मामलों में 28% का उछाल देखा गया है। यहां 5 मई से 11 मई के बीच 25,900 नए केस दर्ज हुए। अस्पतालों में भर्ती होने वालों की औसत संख्या 181 से बढ़कर 250 हो गई है। सरकार ने देश को हाई अलर्ट पर रखा है और लोगों से बूस्टर डोज़ लेने की अपील की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने बताया कि लोगों की इम्युनिटी समय के साथ कम हो गई है, इसलिए टीकाकरण का एक और राउंड ज़रूरी है।
हांगकांग में बुज़ुर्गों पर कहर, डेथ रेट बढ़ा
हांगकांग में कोरोना की नई लहर शुरू हो चुकी है। मार्च में जहां पॉजिटिविटी रेट 1.7% था, अब यह 11.4% पहुंच गया है। अब तक 81 केस में से 30 लोगों की मौत हो चुकी है। ज़्यादातर मरने वाले बुज़ुर्ग हैं, जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी। डॉक्टरों का कहना है कि Herd Immunity का असर अब कम हो रहा है और वैक्सीन की ताकत घट रही है।
थाईलैंड में बैंकॉक सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना
थाईलैंड में एक हफ्ते में 33,030 नए कोरोना केस सामने आए हैं। इनमें से अकेले बैंकॉक में 6,000 से ज़्यादा मामले मिले हैं। 1,918 लोग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं और दो की मौत हो चुकी है। थाईलैंड के स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि ओमिक्रॉन स्ट्रेन XEC के कारण ये वृद्धि हुई है। सोंगक्रान छुट्टियों के दौरान संक्रमण तेजी से फैला।
भारत में बढ़ी चिंता, बूस्टर डोज़ पर फिर ज़ोर
भारत में अभी कोरोना केस ज़्यादा नहीं हैं, लेकिन एशिया के बाकी हिस्सों की स्थिति देखकर चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में भी इम्युनिटी कम हो रही है और बूस्टर डोज़ की ज़रूरत दोबारा महसूस हो रही है। अगर अभी से सावधानी नहीं बरती गई, तो भारत में भी हालात खराब हो सकते हैं।
क्या है इस बार कोरोना बढ़ने की वजह?
सिंगापुर के हेल्थ अफसरों के मुताबिक इस बार मामलों में उछाल के पीछे दो नए वैरिएंट हैं – LF.7 और NB.1.8. ये दोनों JN.1 वैरिएंट की अगली कड़ी हैं। ये नए वैरिएंट तेज़ी से फैलते हैं और पहले बनी इम्युनिटी को भी चकमा दे सकते हैं। मौसमी बदलाव, इंटरनेशनल ट्रैवल और सोशल गैदरिंग्स से भी संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहा है।

- सिंगापुर में एक हफ्ते में 25,900 नए COVID-19 केस, अस्पतालों में भर्ती 30% बढ़े।
- हांगकांग में पॉजिटिविटी रेट 11.4% पहुंचा, बुज़ुर्गों में मौतें ज्यादा।
- थाईलैंड में ओमिक्रॉन XEC वैरिएंट से मामलों में उछाल, बैंकॉक सबसे ज्यादा प्रभावित।
- भारत में भी डर बढ़ा, बूस्टर डोज़ की मांग फिर से उठी।
- LF.7 और NB.1.8 जैसे नए वैरिएंट इम्युनिटी को चकमा दे रहे हैं, संक्रमण का खतरा बढ़ा।