डिजिलॉकर में कौन से दस्तावेज रख सकते हैं और कौन से नहीं, जानें।
नई दिल्ली. आजकल के डिजिटल युग में नागरिकों के पास कई तरह के दस्तावेज होते हैं, जिनकी जरूरत समय-समय पर पड़ती है। कई बार दस्तावेजों के खो जाने या सही समय पर न मिल पाने के कारण जरूरी काम रुक जाते हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए भारत सरकार ने 2015 में डिजिलॉकर की शुरुआत की, जिससे लोग अपनी जरूरी दस्तावेजों को ऑनलाइन और सुरक्षित तरीके से स्टोर कर सकते हैं। इससे आपको दस्तावेजों की ओरिजनल कॉपी खो जाने का डर नहीं रहेगा और आप बिना किसी परेशानी के बिना भी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डिजिलॉकर में क्या रख सकते हैं?
डिजिलॉकर में आप अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को स्टोर कर सकते हैं। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, मैरिज सर्टिफिकेट, वोटर कार्ड,
- पासपोर्ट, स्कूल की 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद आदि शामिल हैं। इन दस्तावेजों के लिए डिजिलॉकर में 1GB तक का डाटा स्टोर किया जा सकता है, जिससे आपको अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज कहीं भी और कभी भी आसानी से एक्सेस करने की सुविधा मिलती है।
डिजिलॉकर में क्या नहीं रख सकते?
डिजिलॉकर एक सरकारी प्लेटफार्म है, जो केवल मान्यता प्राप्त और सरकारी दस्तावेजों को स्टोर करने के लिए है। इस पर आप निम्नलिखित दस्तावेज नहीं रख सकते:
- – निजी या गैर-मान्यता प्राप्त दस्तावेज जैसे निजी कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट या रसीदें
- – बैंक खातों की जानकारी, एटीएम पिन, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स
- – हाथ से लिखे गए दस्तावेज
- – इसके अलावा, आप कोई ऐसा दस्तावेज भी डिजिलॉकर में नहीं रख सकते, जिसे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान ने जारी न किया हो।