रविवार, जून 15, 2025
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New POP रॉबर्ट प्रीवोस्ट बने इतिहास के पहले अमेरिकी पोप, वेटिकन सिटी में उत्सव और सेंट पीटर्स स्क्वेयर में उमड़ा जनसैलाब

सिस्टिन चैपल से निकले सफेद धुएं ने जैसे ही आसमान को छुआ, दुनिया को संकेत मिल गया—कैथोलिक चर्च को नया पोप मिल गया है। गुरुवार की शाम वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में जैसे ही चर्च की चिमनी से सफेद धुआं उठता दिखा, वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं की निगाहें बेसब्री से सेंट्रल बालकनी की ओर टिक गईं। करीब 70 मिनट बाद वह क्षण आया जब अमेरिका के 69 वर्षीय रॉबर्ट प्रीवोस्ट पोप लियो XIV के रूप में दुनिया के सामने आए।

कैथोलिक चर्च के इतिहास में यह पहली बार है जब कोई अमेरिकी धर्मगुरु सर्वोच्च पद पर आसीन हुआ है। फ्रांस के कार्डिनल डोमिनिक माम्बरटी ने उनके नाम का औपचारिक ऐलान करते हुए कहा, “हबेमस पापम”—”हमारे पास एक पोप है।” इसी के साथ स्क्वेयर में मौजूद लोगों की भीड़ ने जोरदार “विवा इल पोपा!” के नारों से नए पोप का स्वागत किया।

कौन हैं नए पोप लियो XIV (रॉबर्ट प्रीवोस्ट)?

शिकागो में जन्मे रॉबर्ट प्रीवोस्ट ने अपने करियर का बड़ा हिस्सा पेरू में मिशनरी कार्य करते हुए बिताया। वह 2023 में कार्डिनल बनाए गए थे और अपने संयमित व सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। मीडिया से दूरी बनाए रखने वाले प्रीवोस्ट का सार्वजनिक जीवन कम ही सामने आया है। अब पोप फ्रांसिस के निधन के बाद, वह 267वें पोप के रूप में चर्च का नेतृत्व संभालेंगे। फ्रांसिस पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे जिन्होंने चर्च को 12 वर्षों तक नेतृत्व प्रदान किया।

Robert Prevost Becomes First American Pope, Named Pope Leo XIV
पोप लियो XIV जैसे ही सेंट्रल बालकनी पर दिखाई दिए, स्क्वेयर में मौजूद हजारों लोग भावुक हो उठे।

कैसे होता है नए पोप का चयन? जानिए पूरी प्रक्रिया

कैथोलिक परंपरा के अनुसार, नए पोप का चयन Papal Conclave के माध्यम से होता है, जिसमें दुनिया भर से आए कार्डिनल्स हिस्सा लेते हैं। 80 वर्ष से कम उम्र के कार्डिनल्स को वोटिंग का अधिकार होता है। सिस्टिन चैपल के भीतर गोपनीय बैठकों की एक श्रृंखला के बाद यह निर्णय लिया जाता है।

वोटिंग गुप्त बैलेट से होती है, और तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार दो-तिहाई बहुमत नहीं पा लेता। इस प्रक्रिया के दौरान, कार्डिनल्स को बाहरी दुनिया से संपर्क की अनुमति नहीं होती।

धुएं के रंग से मिलता है दुनिया को संकेत

हर बैलेट के बाद उसका परिणाम तीन नामित कार्डिनल्स जोर से पढ़ते हैं। यदि दो-तिहाई बहुमत नहीं मिलता, तो बैलेट को काले धुएं के रूप में जलाया जाता है। लेकिन जैसे ही किसी उम्मीदवार को अपेक्षित समर्थन मिल जाता है, अंतिम बैलेट को विशेष रसायनों से जलाया जाता है, जिससे सफेद धुआं निकलता है—जो पूरी दुनिया को यह संदेश देता है कि नया पोप चुन लिया गया है।

सेंट पीटर्स स्क्वेयर में भावुक क्षण

सफेद धुएं की पुष्टि के बाद जैसे ही पोप लियो XIV सेंट्रल बालकनी पर दिखाई दिए, स्क्वेयर में मौजूद हजारों लोग भावुक हो उठे। हाथों में मोमबत्तियां, झंडे और प्रार्थनाएं लिए श्रद्धालुओं ने नए पोप का स्वागत किया। यह क्षण न केवल वेटिकन बल्कि पूरे कैथोलिक समुदाय के लिए एक नया अध्याय लेकर आया है।

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  1. अमेरिका के 69 वर्षीय रॉबर्ट प्रीवोस्ट को कैथोलिक चर्च का नया पोप चुना गया है, जिन्हें अब पोप लियो XIV के नाम से जाना जाएगा।
  2. वेटिकन सिटी की सिस्टिन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकलने के बाद उनकी नियुक्ति की पुष्टि हुई, जो पोप चयन का परंपरागत संकेत है।
  3. फ्रांस के कार्डिनल डोमिनिक माम्बरटी ने उनके नाम की घोषणा सेंट पीटर्स स्क्वेयर में हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में की।
  4. रॉबर्ट प्रीवोस्ट का अधिकांश करियर पेरू में मिशनरी सेवा के रूप में बीता है और वह 2023 में कार्डिनल बने थे।
  5. पोप चुनने की प्रक्रिया पूरी तरह गुप्त होती है और इसमें 120 कार्डिनल्स दो-तिहाई बहुमत से मतदान के जरिए निर्णय लेते हैं।
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