रविवार, जून 15, 2025
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इन 5 खतरनाक फूड्स से बचें, नहीं तो बढ़ सकता है फैटी लिवर का खतरा

फैटी लिवर आज के समय में तेजी से बढ़ती एक आम बीमारी बन गई है, जो अस्वस्थ खानपान और जीवनशैली के कारण होती है। शराब, प्रोसेस्ड फूड्स, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, सैचुरेटेड फैट्स और मीठे पेय पदार्थ इस बीमारी का खतरा बढ़ाते हैं। सही खानपान और जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।

नेशनल ब्रेकिंग: आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में लोगों का खानपान काफी अनियमित हो गया है। बिजी लाइफस्टाइल में लोग घर का बना खाना खाने के बजाय बाहर का तला-भुना और फास्ट फूड ज्यादा खाने लगे हैं। इस वजह से फैटी लिवर की समस्या बेहद तेजी से बढ़ती जा रही है। अस्वस्थ जीवनशैली, खानपान की गलत आदत और फिजिकल एक्टिविटी में कमी इस बीमारी को तेजी से बढ़ा रही है। अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं या फिर आप इसका शिकार हो चुके हैं, तो समय रहते कुछ आदतों को अपनाकर आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।

क्या होता है फैटी लिवर?

फैटी लिवर रोग को स्टेटोसिस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो जाता है। ज्यादा कैलोरी के सेवन से लिवर में चर्बी जमने लगती है। जब लिवर फैट को सामान्य तरीके से प्रॉसेस नहीं कर पाता, तो उस पर बहुत ज्यादा चर्बी जमा हो जाती है। मोटापा, डायबिटीज या हाई ट्राइग्लिसराइड्स जैसी कुछ अन्य कंडीशन्स से पीड़ित लोगों में फैटी लिवर होने का खतरा बढ़ जाता है।

फैटी लिवर के प्रकार फैटी लिवर रोग के दो मुख्य प्रकार हैं:

  1. अल्कोहलिक फैटी लिवर अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग अत्यधिक शराब पीने से होता है। आपका लिवर आपके द्वारा पी जाने वाली अधिकांश शराब को तोड़ता है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह क्षतिग्रस्त भी हो जाता है। आप जितनी अधिक शराब पीते हैं, आपका लिवर उतना ही अधिक प्रभावित होता है। अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग अन्य शराब से संबंधित लिवर रोगों का सबसे प्रारंभिक चरण है। कुछ मामलों में यह अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है।
  2. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग शराब से जुड़ा नहीं है। किसी व्यक्ति को यह तब होता है जब उसके लिवर के वजन का 5% या उससे अधिक केवल फैट हो जाता है। डॉक्टरों को नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग का सटीक कारण भले ही न पता हो, लेकिन यह मोटे और मधुमेह रोगियों में सबसे आम है।

ये फूड्स बढ़ाते हैं फैटी लिवर का रिस्क

अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं, तो आपको फैट, चीनी, नमक और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए। ये फैटी लिवर रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

  1. प्रोसेस्ड फूड्स – पैकेज्ड स्नैक्स, बिस्कुट, बर्गर, चिप्स, तले हुए खाद्य पदार्थ और फ्रोजन फूड्स से बचना चाहिए।
  2. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट – सफेद ब्रेड, सफेद चावल और सफेद पास्ता जैसी चीजें फैटी लिवर का खतरा बढ़ाती हैं।
  3. सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट – बाहर का मक्खन, क्रीम, रिफाइंड तेल सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होते हैं, इसलिए इनका कम से कम सेवन करें।
  4. मीठी ड्रिंक्स – कोल्ड ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स चीनी से भरपूर होती हैं, जो फैटी लिवर और शरीर में शुगर का लेवल बढ़ाती हैं।
  5. रेड मीट – रोजाना रेड मीट का सेवन मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और फैटी लिवर जैसी बीमारियों को जन्म दे सकता है।
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