Monday, April 28, 2025
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अष्ट सिद्धियों वाले हनुमान जी का जन्मोत्सव कल : पंचग्रही योग का संयाेग बन रहा, आज भी धरती पर विराजमान रामदूत

जन जन के आराध्य और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने वाले हनुमान जी का जन्मोत्सव चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत प्रातः 3:21 बजे और समापन 13 अप्रैल को शाम 5:51 बजे होगा। इस बार यह तिथि 12 अप्रेल को है। हनुमान जन्मोत्सव पर इस साल पंचग्रही योग का संयोग है। हस्त नक्षत्र में मीन राशि में सूर्य, शनि, शुक्र, बुध और राहु एक साथ होंगे। इसके साथ ही 12 अप्रेल को सुबह 06 बजकर 22 मिनट से शाम 4 बजकर 35 मिनट तक भद्रा रहेगी.

इस अवसर पर देशभर के मंदिरों में विभिन्न आयोजन होंगे। हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाने के लिए श्रद्धालु आतुर भी हैं उत्साहित भी।

हनुमान जी हर कष्ट को हर लेते हैं। इसलिए हनुमान जन्मोत्सव का अवसर उनकी विशेष पूजा करने और विशेष कृपा प्राप्त करने का दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान का जन्म माता अंजनी और वानरराज केसरी के घर हुआ था। उन्हें भगवान शिव का रुद्र अवतार भी माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, वे चिरंजीवी हैं और आज भी धरती पर सक्रिय रूप से विद्यमान हैं।

हनुमान को बजरंगबली, पवनपुत्र, मारुति नंदन, अंजनी सुत, और संकट मोचन जैसे कई नामों से पूजा जाता है। भारतीय समाज में वे निष्ठा, सेवा और अडिग भक्ति के आदर्श स्वरूप माने जाते हैं।

हनुमान जी को अष्ट सिद्धियां प्राप्त हैं। इन सिद्धियों के कारण वे कभी सूक्ष्म रूप धारण कर सकते हैं तो कभी अति विशाल बन जाते हैं। इन्हीं के कारण वे इच्छाओं को तुरंत पूरा भी कर देते हैं। उनमें किसी भी स्थान पर तुरंत पहुंचने की शक्ति भी इन्हीं शक्तियों के कारण आती है।

हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हम आपको हनुमान जी की इन्हीं सिद्धियों के बारे में बता रहे हैं। जिनका जिक्र हनुमान चालीसा में भी किया गया है।

ये हैं हनुमान जी की आठ सिद्धियां

  • अणिमा सिद्धि: स्वयं को अति सूक्ष्म रूप में परिवर्तित करने की शक्ति।
  • गरिमा सिद्धि: अत्यधिक भारी शरीर धारण करने की क्षमता।
  • लघिमा सिद्धि: अत्यंत हल्का होकर उड़ने की सामर्थ्य।
  • प्राप्ति सिद्धि: किसी भी स्थान पर तुरंत पहुँचने की योग्यता।
  • प्राकाम्य सिद्धि: इच्छाओं को तुरन्त पूर्ण करने की शक्ति।
  • महिमा सिद्धि: शरीर को विशाल रूप देने की क्षमता।
  • ईशित्व सिद्धि: नेतृत्व और नियंत्रण की शक्ति।
  • वशित्व सिद्धि: दूसरों को अपने प्रभाव में लाने की योग्यता।

इन सिद्धियों को धार्मिक दृष्टि से आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है, वहीं सामाजिक संदर्भों में ये व्यक्ति की आत्मनिष्ठा, साहस और सकारात्मक प्रभाव का परिचायक हैं।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक
  • हनुमान जयंती 2025 इस वर्ष 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाई जाएगी, जो धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है।
  • यह पर्व भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें बल, भक्ति और सेवा के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान चिरंजीवी हैं और आज भी धरती पर उपस्थित हैं।
  • इस अवसर पर भक्त हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, भजन संध्या और विशेष पूजन** का आयोजन करते हैं।
  • हनुमान जी की अष्ट सिद्धियाँ—जैसे अणिमा, गरिमा, लघिमा और महिमा—भक्तों को आत्मबल, साहस और सेवा की प्रेरणा देती हैं।
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