Monday, April 28, 2025
spot_img
Homeधर्म-संस्कृतिहनुमान जन्मोत्सव पर विशेष: पंचमुखी स्वरूप की वह रहस्यमयी कथा, जिसने बदला...

हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष: पंचमुखी स्वरूप की वह रहस्यमयी कथा, जिसने बदला पाताल लोक का युद्ध

हनुमान जी का पंचमुखी मंदिर आपके शहर या कस्बे में भी अवश्य होगा। क्या है हनुमान जी का पंचमुखी रूप, क्यों उन्हें इस रूप में आना पड़ा। आज हनुमान जन्मोत्सव पर हम आपको हुनमान जी के इस अद्भूत रूप के बारे में बताएंगे। हनुमान का यह रूप उनके अतुलित बलशाली होने और हर कार्य को सिद्ध करने का प्रतीक है। उन्होंने यह रूप भगवान श्रीराम की सहायता के लिए लिया था। यह प्रसंग श्रीराम और रावण युद्ध के समय का है।

इसी रूप के माध्यम से ही उन्होंने रावण के मायावी भाई अहिरावण का अंत किया था, इसलिए इस हनुमान जी के रूप की पूजा और दर्शन करने से श्रद्धालुओं के दुख, पीड़ाएं सब दूर होती हैं।

हनुमान जी ने क्यों लिया था पंचमुखी स्वरूप?

श्रीराम से युद्ध करते हुए रावण को अंत में यह समझ में आने लगा कि श्रीराम को रोक पाना असंभव है। ऐसे में उसने राक्षसी माया को सहारा लेने की योजना बनाई। इसके लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावण को बुलाया। जो पाताल लोक में रहता था।

अहिरावण ने अपनी राक्षसी शक्तियों से श्रीराम, लक्ष्मण और वानर सेना को बेहोश कर पाताल लोक ले गया। वहां उसने मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए पांच दिशाओं में दीपक जलाए, जिनके जलते रहने限 तक उसकी मृत्यु असंभव थी। हनुमान जी को जब यह रहस्य ज्ञात हुआ, तब उन्होंने एक ऐसा रूप धारण किया, जिसमें वे पांच दिशाओं में देख और कार्य कर सकें। यही था उनका पंचमुखी स्वरूप।

पंचमुखी स्वरूप में कौन-कौन से मुख होते हैं

  • पूर्व दिशा: हनुमान मुख – शक्ति और भक्ति का प्रतीक
  • दक्षिण दिशा: नृसिंह मुख – राक्षसी शक्तियों के संहारक
  • उत्तर दिशा: वराह मुख – धैर्य और धरणी रक्षा का प्रतीक
  • पश्चिम दिशा: गरुड़ मुख – विष और बंधन से मुक्ति
  • ऊर्ध्व दिशा: हयग्रीव मुख – ज्ञान और दिव्य बोध का स्रोत

इन मुखों से हनुमान जी ने एक साथ पांचों दीपक बुझा दिए, जिससे अहिरावण की शक्ति समाप्त हो गई और उन्होंने उसका वध कर श्रीराम-लक्ष्मण को मुक्त कराया।

पंचमुखी हनुमान की उपासना का सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व

आज भी देशभर के मंदिरों में पंचमुखी हनुमान की पूजा विशेष रूप से की जाती है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस रूप की आराधना से आत्मबल और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा मिलती है। यह रूप संकट के समय आत्मविश्वास, निर्भीकता और मानसिक शक्ति प्रदान करता है।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक
  • हनुमान जयंती 2025 पर पंचमुखी हनुमान के रूप की पौराणिक कथा श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखती है।
  • यह रूप रावण के भाई अहिरावण को पराजित करने के लिए धारण किया गया था, जब उसने श्रीराम और लक्ष्मण को पाताल लोक में बंदी बना लिया था।
  • पंचमुखी स्वरूप में हनुमान जी ने पांचों दिशाओं में एक साथ दीपक बुझाए और अहिरावण का वध किया।
  • इस रूप में हनुमान जी के मुख हैं: पूर्व में हनुमान, दक्षिण में नरसिंह, उत्तर में वराह, पश्चिम में गरुड़ और ऊपर हयग्रीव।
  • पंचमुखी हनुमान की उपासना से आत्मबल, साहस, संकटमोचन शक्ति और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है, विशेषकर हनुमान जयंती जैसे पर्वों पर इसकी विशेष मान्यता है।
अन्य खबरें