हरियाणा सरकार ने सिंचाई विभाग में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। विभागीय मंत्री श्रुति चौधरी के निर्देश पर 70 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की सिफारिश हुई है। इनमें JE, SDO, XEN से लेकर 2 चीफ इंजीनियर और 7-8 SE तक शामिल हैं।
इन अधिकारियों के नाम अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन विभागीय फाइलों में हलचल तेज है। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकतर अधिकारी लंबे समय से प्रोजेक्ट्स की निगरानी में तैनात थे।
कंक्रीट सैंपल फेल, सामे आई अनियमितताएं
पूरा मामला एक नियमित गुणवत्ता जांच से खुला, जहां निर्माण स्थलों से लिए गए सॉलिड कंक्रीट के सैंपल फेल हो गए। एक स्वतंत्र समिति ने यह सैंपल एकत्र किए और उनकी रिपोर्ट सीधे मुख्यालय भेजी गई। जांच में सामने आया कि निर्माण में गंभीर स्तर की अनियमितता रही। काम की गुणवत्ता मानकों से नीचे थी और इससे राज्य को आर्थिक नुकसान हुआ।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस खराब गुणवत्ता की कोई रिपोर्ट अधिकारियों ने खुद नहीं बनाई।
ये रहे कार्रवाई के नियम
इन अधिकारियों को “रूल 7” के तहत चार्जशीट किया गया है। मतलब, उन्हें अब कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा। आरोप तय हो चुके हैं, अब सबूतों के आधार पर अनुशासनिक कार्यवाही होगी।
यह कार्यवाही निलंबन, पदावनति, वेतन कटौती या सेवा से बर्खास्तगी तक जा सकती है। हालांकि, प्रक्रिया में संबंधित अधिकारियों को भी अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा।
पहले भी जारी हुई थी लिस्ट
सिंचाई विभाग ही नहीं, इससे पहले भी सरकार पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार और तहसीलदार स्तर तक के अफसरों की लिस्ट जारी कर चुकी है। अब तक ज्यादातर मामलों में कार्रवाई फाइलों में ही सिमटी रही। ये पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में चार्जशीट की सिफारिश सार्वजनिक रूप से सामने आई है।