नेशनल ब्रेकिंग. देशभर में होली 14 मार्च को धूमधाम से मनाई जाएगी। बाजारों में रंगों और गुलाल की भरमार है, लेकिन मिलावटी और केमिकल युक्त रंगों का खतरा भी बढ़ गया है। कुछ दुकानदार हर्बल रंगों के नाम पर केमिकल युक्त रंग बेच रहे हैं, जिससे त्वचा एलर्जी, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप रंगों की शुद्धता की जांच कर लें, तो मिलावटी रंगों से बच सकते हैं। आइए जानते हैं नकली रंगों की पहचान करने के 5 आसान तरीके।
बहुत चमकीले और गहरे रंगों से बचें
अगर रंग बहुत ज्यादा चमकीला या गहरा दिखता है, तो उसमें कांच का चूर्ण, मोटी रेत, पारा सल्फाइड और अन्य हानिकारक रसायन मिलाए जा सकते हैं। ऐसे रंग त्वचा पर एलर्जी, खुजली और जलन पैदा कर सकते हैं। हमेशा हल्के और नैचुरल रंग चुनें।
छूकर पहचानें असली और नकली रंग
रंग खरीदने से पहले उसे हाथ में लेकर महसूस करें। अगर गुलाल बहुत ज्यादा चिकना या सख्त और रूखा लगे, तो समझ लें कि इसमें सिंथेटिक केमिकल मिलाया गया है। असली हर्बल रंग मुलायम और हल्के होते हैं।
गंध से करें पहचान
हथेली पर थोड़ा सा रंग लें और सूंघें। अगर उसमें पेट्रोल, केरोसिन, मोबाइल ऑयल या किसी भी केमिकल की गंध आती हो, तो वह मिलावटी हो सकता है। प्राकृतिक रंगों में तेज गंध नहीं होती।
पानी में घोलकर करें टेस्ट
रंग को पानी में मिलाएं। अगर रंग तुरंत घुल जाए और पानी का रंग ज्यादा न बदले, तो वह शुद्ध और प्राकृतिक हो सकता है। लेकिन अगर रंग घुलने में ज्यादा समय ले और पानी में तेल की परत तैरती नजर आए, तो यह केमिकल युक्त हो सकता है।
मिलावटी रंगों के नुकसान से बचें
मिलावटी रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं, जो त्वचा पर चकत्ते, खुजली, जलन और सूजन का कारण बन सकते हैं। इससे आंखों में जलन और अस्थमा जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंबे समय तक इन रंगों का उपयोग करने से त्वचा कैंसर तक का खतरा हो सकता है।