Monday, April 28, 2025
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Holika Dahan 2025: इस साल कब किया जाएगा होलिका दहन, जानिए शुभ मुहूर्त और भद्रा का समय

होलिका दहन के दौरान भद्रा का साया देखने को मिलता है। इस साल भी होलिका दहन के दिन सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा।

होलिका दहन का पर्व हर साल होली के पहले दिन मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन को लेकर विभिन्न धार्मिक मान्यताएं हैं और इसे लेकर खास मुहूर्त और भद्राकाल की भी जानकारी दी जाती है। इस साल होलिका दहन कब और किस समय होगा, आइए जानें इसके बारे में विस्तार से।

होलिका दहन 2025 कब है?

होलिका दहन 2025 का पर्व 13 मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। इस दिन होलिका दहन का आयोजन किया जाएगा, जबकि अगले दिन 14 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

इस साल होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर अर्धरात्रि 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इस समय में होलिका दहन किया जा सकता है, ताकि यह पवित्र और शुभ हो।

होलिका दहन पर भद्रा का साया

होलिका दहन के दौरान भद्रा का साया देखने को मिलता है। इस साल भी होलिका दहन के दिन सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। वहीं, भद्रा पुंछ का समय शाम 6 बजकर 57 मिनट से 8 बजकर 14 मिनट तक और भद्रा मुख का समय रात 8 बजकर 14 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। भद्राकाल के दौरान होलिका दहन नहीं करना चाहिए।

होलिका दहन का महत्व

होलिका दहन का धार्मिक महत्व पौराणिक कथा से जुड़ा है। कहा जाता है कि एक समय का राजा हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से विमुख करने की कोशिश कर रहा था। उसने अपनी बहन होलिका से प्रह्लाद को अग्नि में जलाने के लिए कहा, क्योंकि होलिका को अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जलकर भस्म हो गई। तभी से होलिका दहन के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मनाया जाता है।

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