अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। यह अनुमान EY इकनॉमी वॉच की ताज़ा रिपोर्ट में लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, एक संतुलित राजकोषीय रणनीति जो मानव पूंजी विकास को समर्थन देती है, दीर्घकालिक विकास संभावनाओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकती है।
वित्त वर्ष 2025 में 6.4% GDP वृद्धि का अनुमान
EY इकनॉमी वॉच के मार्च संस्करण में वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली तिमाही में 7.6 प्रतिशत वृद्धि के लिए निजी अंतिम उपभोग व्यय में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि की आवश्यकता होगी। हाल के वर्षों में इतनी अधिक वृद्धि दर्ज नहीं की गई है।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर निवेश बढ़ाने की सलाह
EY इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले दो दशकों में भारत को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर अपने सामान्य सरकारी खर्च को धीरे-धीरे बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दीर्घकालिक विकास को बनाए रखने और मानव पूंजी परिणामों में सुधार के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में अतिरिक्त निवेश आवश्यक है।
राजकोषीय अनुशासन और निवेश में वृद्धि की आवश्यकता
विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि भारत को अपने राजस्व-जीडीपी अनुपात को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 29 प्रतिशत करने की आवश्यकता हो सकती है। यह राजकोषीय अनुशासन को बनाए रखते हुए आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा सकता है। EY इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि कामकाजी आयु वर्ग में वृद्धि के कारण रोजगार, बचत और निवेश के एक सकारात्मक चक्र का निर्माण हो सकता है।
आर्थिक पुनर्गठन की आवश्यकता
रिपोर्ट के अनुसार, अधिक युवा आबादी वाले निम्न आय वाले राज्यों को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता हो सकती है। वित्तीय पुनर्गठन के लिए एक चरणबद्ध दृष्टिकोण अपनाने से विकास में समझौता किए बिना इन लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है।