भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रणनीतिक अभियान छेड़ दिया है। केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है, जिसका मकसद दुनिया के सामने पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों और झूठे प्रचार की परतें खोलना है।
इस विशेष अभियान के जरिए भारत अब सीधे उन देशों से संवाद करेगा, जो वैश्विक निर्णय प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाते हैं, और बताएगा कि पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को संरक्षण देता आया है।
शशि थरूर के नेतृत्व में चलाएंगे कूटनीतिक मोर्चा
इस बहुदलीय टीम की कमान कांग्रेस सांसद और विदेश मामलों के जानकार डॉ. शशि थरूर को सौंपी गई है। थरूर का संयुक्त राष्ट्र में लंबा अनुभव और वैश्विक स्तर पर उनकी स्वीकार्यता इस मिशन को मजबूती प्रदान करेगी। भारत की योजना है कि यह डेलिगेशन विभिन्न देशों की सरकारों, थिंक टैंकों और मीडिया से मुलाकात कर पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे सीमा पार आतंकवाद को उजागर करे।
खासतौर पर 26/11 मुंबई हमले, पुलवामा आत्मघाती हमला, और हाल ही में पहलगाम की बैसरन घाटी में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले इस संवाद में मुख्य बिंदु होंगे।
सात सांसद, सात डेलिगेशन – वैश्विक मंच पर भारत की आवाज
भारत की यह रणनीति बहुदलीय सहयोग की मिसाल है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सात अलग-अलग सांसदों को नेतृत्व की जिम्मेदारी दी गई है, जो इस महीने के अंत तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों और अन्य वैश्विक साझेदारों से संपर्क करेंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों के नाम हैं:
- डॉ. शशि थरूर (कांग्रेस)
- रविशंकर प्रसाद (भाजपा)
- संजय कुमार झा (जेडीयू)
- बैजयंत पांडा (भाजपा)
- कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके)
- सुप्रिया सुले (एनसीपी)
- श्रीकांत शिंदे (शिवसेना)
इन सांसदों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने और पाकिस्तान के खिलाफ सबूतों के साथ तर्क प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कूटनीतिक पहल से पाकिस्तान के झूठ पर पड़ेगा असर
भारत की इस पहल से सीमा पार आतंकवाद, पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा और आतंकी नेटवर्क की फंडिंग जैसे मुद्दे अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बनेंगे। यह अभियान भारत के उस संकल्प को दोहराता है, जिसमें हर मोर्चे पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त और प्रभावशाली कदम उठाए जा रहे हैं।