भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित युद्धविराम के महज कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान की सेना ने एक बार फिर संघर्षविराम का उल्लंघन कर दिया। गुजरात, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर हुई फायरिंग से माहौल फिर तनावपूर्ण हो गया। साथ ही, श्रीनगर स्थित सेना मुख्यालय के आसपास ड्रोन की संदिग्ध गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर आतंकियों की ओर ज्यादा झुकाव रखते हैं और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार की शांति नीति से सहमत नहीं हैं। यही वजह है कि बार-बार हुए समझौतों के बावजूद पाकिस्तान की सेना अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रही।
पाकिस्तान सरकार की सफाई- भारत ने किया उल्लंघन’
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान की ओर से सीजफायर तोड़ा गया है और भारत अब चुप नहीं रहेगा। इस बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर सफाई दी कि वे सीजफायर को लेकर प्रतिबद्ध हैं और भारत पर उल्लंघन का आरोप लगाया।
पाकिस्तानी सरकार ने अपनी ही सेना से संयम बरतने की अपील भी की है। यह दर्शाता है कि पाकिस्तान के सिविल और मिलिट्री नेतृत्व के बीच गहरी खाई बनती जा रही है, जिसका असर सीमा पर नजर आ रहा है।
चीन ने जताई चिंता, NSA डोभाल से की वार्ता
भारत-पाक तनाव के बीच चीन भी सक्रिय नजर आया। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत की और आशा जताई कि दोनों देश टकराव को बातचीत के माध्यम से सुलझाएंगे।
चीन की सरकारी एजेंसी शिंहुआ के अनुसार, वांग ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए 22 अप्रैल के आतंकी हमले की निंदा की। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, और भारत ने इसके जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।
भारत की कार्रवाई के बाद बढ़ा तनाव
भारत की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान और पीओके में हड़कंप है। भारतीय सेना ने बताया कि यह कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों पर की गई थी, जिससे आम नागरिकों या पाकिस्तानी सेना को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। बावजूद इसके, सीमा पर तनाव एक बार फिर चरम पर है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति को लेकर निगाहें टिकी हुई हैं।