भारत सरकार के निरंतर प्रयासों से टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) के मामलों में गिरावट आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में टीबी से होने वाली मौतों में 21.4% की कमी दर्ज की गई है। वहीं, 2015 में टीबी के छूटे मामलों की संख्या 15 लाख थी, जो 2023 में घटकर 2.5 लाख रह गई।
टीबी: एक गंभीर संक्रामक बीमारी
टीबी (Tuberculosis) एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन रीढ़ की हड्डी, मस्तिष्क और किडनी जैसे अन्य अंगों को भी संक्रमित कर सकती है। यह बीमारी हवा के माध्यम से फैलती है, खासकर जब कोई संक्रमित व्यक्ति लंबे समय तक संपर्क में रहता है।
टीबी के प्रकार
- एक्टिव टीबी: इसमें मरीज में सभी लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं, और यह अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।
- लैटेंट टीबी: इसमें बैक्टीरिया शरीर में मौजूद रहता है, लेकिन सक्रिय नहीं होता। व्यक्ति को कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी होने पर यह सक्रिय हो सकता है।
टीबी के लक्षण
- लगातार 2-3 हफ्तों तक खांसी रहना
- खांसते समय खून या बलगम आना
- तेज बुखार और रात में पसीना आना
- वजन का तेजी से घटना और भूख कम लगना
- सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई
- अगर टीबी अन्य अंगों में फैल जाए, तो सिरदर्द, हड्डियों में दर्द, या पेट में सूजन हो सकती है।
टीबी का खतरा क्यों गंभीर है?
- सही समय पर इलाज न मिलने से यह जानलेवा हो सकती है।
- फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
- मस्तिष्क में फैलने पर यह मेनिन्जाइटिस का कारण बन सकती है।
- गर्भवती महिलाओं में यह जटिलताएं पैदा कर सकती है।
- अगर मरीज दवाइयों का पूरा कोर्स नहीं करता, तो ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी हो सकती है, जिसका इलाज और मुश्किल हो जाता है।
टीबी का इलाज और रोकथाम
DOTS थेरेपी: टीबी के इलाज के लिए सरकार ने डायरेक्टली ऑब्जर्व्ड ट्रीटमेंट, शॉर्ट-कोर्स (DOTS) प्रणाली लागू की है, जिसमें मरीज को डॉक्टर की निगरानी में कई महीनों तक एंटी-टीबी दवाएं दी जाती हैं।
रोकथाम के उपाय:
- बीसीजी वैक्सीन लगवाएं, जो टीबी से बचाव में मदद करती है।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- खांसते और छींकते समय मुंह ढकें।
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
- संतुलित आहार लें और इम्यूनिटी मजबूत बनाएं।
सरकार के प्रयास और भविष्य की रणनीति
भारत सरकार टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। इस दिशा में फ्री मेडिकल चेकअप, मुफ्त दवाएं और पोषण योजना जैसे कई कदम उठाए गए हैं। टीबी को हराने के लिए जागरूकता और सही इलाज जरूरी है। अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य टीबी के लक्षण महसूस कर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उपचार शुरू करें।