Friday, May 2, 2025
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भारत-पाक तनाव और वैश्विक उथल-पुथल के बीच भी भारतीय शेयर बाजार की शानदार वापसी

भारतीय शेयर बाजार ने हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन 2 मई को गजब की मजबूती दिखाई। वैश्विक अनिश्चितता और भारत-पाकिस्तान तनाव के बावजूद, BSE सेंसेक्स सुबह करीब 9:30 बजे 437 अंकों की छलांग के साथ खुला, वहीं NSE निफ्टी ने 24,400 का स्तर पार कर लिया।

पिछले दो महीने में बाजार का जोरदार प्रदर्शन

सिर्फ मई ही नहीं, अप्रैल और मार्च महीने भी शेयर बाजार के लिए मजबूत साबित हुए। अप्रैल 2025 में सेंसेक्स 2,827.32 अंक (3.65%) और निफ्टी 814.85 अंक (3.46%) चढ़ा। मार्च में सेंसेक्स में 4,216.82 अंक (5.76%) और निफ्टी में 1,394.65 अंक (6.30%) की उछाल देखने को मिली। लगातार दूसरे महीने यह तेजी बनी रही, जिससे निवेशकों की कुल संपत्ति ₹10.37 लाख करोड़ बढ़कर ₹4,23,24,763.25 करोड़ (लगभग $498 बिलियन) तक पहुंच गई।

एफआईआई की वापसी ने बढ़ाया निवेशकों का भरोसा

मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक, हालिया उछाल के पीछे कई अहम आर्थिक कारक हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की वापसी, दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य से बेहतर रहने के अनुमान और भारत-अमेरिका संभावित व्यापार समझौते ने बाजार को नई ऊर्जा दी।

इसके अलावा, बीते महीनों में गिरावट के कारण शेयरों का वैल्यूएशन आकर्षक हुआ, जिससे खरीदारी को बल मिला। निवेशकों ने कम कीमतों पर मजबूत कंपनियों में निवेश को प्राथमिकता दी।

अमेरिकी सीमा शुल्क नीति में नरमी से अंतरराष्ट्रीय राहत

एक अन्य बड़ी वजह अमेरिका द्वारा सीमा शुल्क पर अस्थायी रोक है, जिससे वैश्विक व्यापार पर बना दबाव कम हुआ। इससे न सिर्फ भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी, बल्कि विदेशी निवेश के लिए भी सकारात्मक संकेत मिले।

निवेश रणनीति: अस्थिरता के बीच लंबी अवधि पर रखें नजर

हालांकि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों पर नजर रखना जरूरी रहेगा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की मजबूत आर्थिक नींव, बेहतर मानसून और विदेशी निवेश की स्थिरता जैसे कारक बाजार को मिड-टू-लॉन्ग टर्म में सहारा देते रहेंगे।

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