सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार की शुरुआत शेयर बाजार ने अपेक्षाकृत स्थिर रुख के साथ की। हालांकि एफएमसीजी और आईटी सेक्टर में आई तेजी ने शुरुआती कमजोरी से उबरने में मदद की। बीएसई सेंसेक्स 289.29 अंकों की मजबूती के साथ 81,241.26 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 119.15 अंकों की बढ़त के साथ 24,728.85 पर पहुंचा।
गुरुवार को भारी गिरावट का सामना करना पड़ा था
एक दिन पहले गुरुवार को वैश्विक संकेतों के कमजोर रहने और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के चलते बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। सेंसेक्स 645 अंक फिसलकर 80,951.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 204 अंक गिरकर 24,609.70 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 1,106 अंक तक गिर गया था।
इन शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट
सेंसेक्स की कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई। वहीं, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में मजबूती देखी गई, जो बाजार को कुछ हद तक सहारा देने में सफल रहे।
एशियाई बाजारों में तेजी, लेकिन अमेरिका की चिंता कायम
शुक्रवार को एशियाई बाजारों में मजबूती दिखी। जापान का निक्केई 0.80% और टॉपिक्स 0.71% बढ़ा, वहीं कोरिया का कोस्पी और ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 भी मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। हालांकि अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में आई उछाल ने वैश्विक वित्तीय अस्थिरता की आशंका बढ़ा दी है। अमेरिकी 30 वर्षीय बॉन्ड यील्ड 5.14% और 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4.52% पर पहुंच गई है, जिससे ऋण संकट की चिंताएं गहराती जा रही हैं।
निवेशकों की रणनीति और बाजार का रुख
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को अभी सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि वैश्विक संकेत और बॉन्ड बाजार की स्थिति निवेश धारणा को प्रभावित कर सकते हैं। अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक से जुड़े संकेतों पर भी बाजार की नजर रहेगी। एफएमसीजी और आईटी जैसे सेक्टर्स फिलहाल निवेशकों को आंशिक राहत दे रहे हैं, परंतु व्यापक अस्थिरता बनी हुई है।