शनिवार देर रात मध्य-पूर्व की सरजमीं पर एक बार फिर बमों की आवाज गूंजी। इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान में मौजूद रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाते हुए हमला किया। इसके साथ ही बुशहर प्रांत में फज्र जाम गैस रिफाइनरी और कई ऑयल डिपो पर भी बमबारी की गई।
इजराइली सेना के दावे के मुताबिक उसने 150 से अधिक ठिकानों को सफलतापूर्वक तबाह किया है, जिनमें हथियार भंडारगृह, मिसाइल लॉन्चपैड और गुप्त परमाणु प्रतिष्ठान शामिल हैं। हमलों में ईरान के 138 लोग मारे गए हैं, जिनमें 9 परमाणु वैज्ञानिक और 20 से ज्यादा सीनियर कमांडर शामिल बताए गए हैं।
ईरान ने किया पलटवार, 150 मिसाइलें दागीं
जवाबी कार्रवाई में ईरान ने ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’ नाम से ऑपरेशन चलाकर इजराइल पर 150 से अधिक मिसाइलें दागीं। तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान ने इजराइल के रक्षा मंत्रालय को बैलिस्टिक मिसाइल से हिट किया।
ईरानी हमले में अब तक इजराइल के 5 नागरिकों की जान जा चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनमें 7 सैनिक शामिल हैं। देश के कई हिस्सों में आपातकालीन सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
ईरान का दावा – तीन F-35 गिराए, पायलट पकड़े
ईरानी सेना ने इजराइली एयरफोर्स के तीन F-35 फाइटर जेट्स को मार गिराने का दावा किया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि दो पायलटों को जीवित पकड़ लिया गया है, जबकि एक हमले में मारा गया।
इस दावे की पुष्टि हालांकि स्वतंत्र स्रोतों से नहीं हो पाई है, लेकिन यह ईरान की सैन्य क्षमता का महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है।
तेहरान से लेकर बुशहर तक डिफेंस सिस्टम एक्टिव
ईरान ने राजधानी तेहरान समेत सात राज्यों में एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से एक्टिव कर दिया है। मिसाइल रडार और फुल अलर्ट मोड में फौजी बेस तैयार कर दिए गए हैं। कई अहम सैन्य प्रतिष्ठानों के आसपास नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है।
फज्र गैस रिफाइनरी में आग, साउथ पार्स फील्ड पर दूसरा हमला
बुशहर स्थित फज्र जाम गैस रिफाइनरी पर इजराइली हमले के बाद एक यूनिट में आग लग गई। यह रिफाइनरी प्रतिदिन करीब 125 मिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस प्रोसेस करती है। यह साउथ पार्स गैस फील्ड से गैस लेती है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार माना जाता है।
कुछ ही दिन पहले इजराइल ने इसी गैस फील्ड पर हमला किया था, जिससे फारस की खाड़ी क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया।
अमेरिका फिलहाल जंग में शामिल नहीं होगा
इजराइल की अपील के बावजूद अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह ईरान के खिलाफ किसी सैन्य कार्रवाई में शामिल नहीं होगा। ‘ऐक्सिओस’ की रिपोर्ट के अनुसार ट्रम्प प्रशासन ने इजराइली अनुरोध को ठुकरा दिया है।
इजराइल चाहता था कि अमेरिका उसकी मदद करे जिससे वह ईरान के भूमिगत यूरेनियम संवर्द्धन केंद्र – फोर्डो को ध्वस्त कर सके। लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इसे “फिलहाल अस्वीकार्य” करार दिया।
ट्रम्प पर बढ़ा दबाव, नेतन्याहू ने दी चेतावनी
‘द इकोनॉमिस्ट’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेताओं ने राष्ट्रपति ट्रम्प पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि वे खुलकर इस संघर्ष में शामिल हों। स्पीकर माइक जॉनसन और सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि अमेरिका को इजराइल की हर संभव मदद करनी चाहिए।
इस बीच नेतन्याहू ने ट्रम्प को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा, “इजराइल का दुश्मन अमेरिका का भी दुश्मन है। हमारे पायलट तेहरान के ऊपर उड़ान भर रहे हैं और बहुत जल्द ईरान को ऐसा झटका देंगे जिसकी कल्पना भी नहीं की गई।”
मोदी-नेतन्याहू की बातचीत, हालात पर नजर
इजराइली प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत की है। आधिकारिक बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने हालात की गंभीरता को समझते हुए क्षेत्रीय स्थिरता और नागरिक सुरक्षा पर चर्चा की।

- इजराइल ने तेहरान स्थित ईरानी रक्षा मंत्रालय, ऑयल डिपो और फज्र गैस रिफाइनरी पर मिसाइल अटैक किया, जिसमें 138 लोगों की मौत हुई।
- हमले में 9 परमाणु वैज्ञानिक और 20 से अधिक ईरानी सैन्य कमांडर मारे गए, 350 से अधिक लोग घायल।
- जवाबी कार्रवाई में ईरान ने ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’ ऑपरेशन के तहत 150 से अधिक मिसाइलें इजराइल पर दागीं।
- ईरान ने तीन इजराइली F-35 जेट गिराने का दावा किया और दो पायलटों को पकड़ने की बात कही।
- अमेरिका ने इजराइली ऑपरेशन में सैन्य सहयोग से इनकार किया, जबकि नेतन्याहू ने पीएम मोदी से हालात पर चर्चा की।