रविवार, जून 15, 2025
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भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में पहली बार फाइटर जेट के टायर, कोलकाता ISKCON ने बदले 48 साल पुराने पहिए

कोलकाता में इस बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का नजारा कुछ हटके होने वाला है। इस्कॉन कोलकाता ने रथ के 48 साल पुराने पहियों को बदल दिया है। खास बात ये है कि नए पहिए आम नहीं बल्कि रूस में बने सुखोई फाइटर जेट के टायर हैं। जो विमान 280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ते हैं, उनके टायर अब रथ में इस्तेमाल होंगे। हालांकि, रथ की रफ्तार महज 1.4 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। आयोजकों को बीते कई सालों से पुराने टायरों के कारण रथ खींचने में दिक्कत हो रही थी।

बोइंग की जगह अब सुखोई के टायर

इससे पहले रथ में बोइंग विमान के पुराने टायर लगाए जाते थे, लेकिन अब वो टायर मार्केट में मिलना मुश्किल हो गया। ऐसे में आयोजकों को 15 साल की खोज के बाद अब सुखोई जेट के टायर ही सबसे सटीक लगे। इनका आकार और मजबूती रथ के लिए बिल्कुल फिट बैठती है। इस्कॉन मैनेजमेंट ने सुखोई टायर बनाने वाली कंपनी से 4 टायर खरीदे हैं जिन्हें इन दिनों रथ में लगाया जा रहा है।

कंपनी भी पहले हैरान रह गई थी

सुखोई के टायर लेने की बात जब कंपनी को बताई गई तो पहले तो वो चौंक गए कि कोई इन टायरों को रथ में क्यों लगाना चाहता है। बाद में आयोजकों ने उन्हें पूरा मकसद समझाया और उन्हें कोलकाता बुलाकर रथ भी दिखाया। तभी जाकर कंपनी ने 4 टायर देने की सहमति दी। यह पूरी प्रक्रिया काफी समय और भरोसे से भरी रही।

रथयात्रा 27 जून से शुरू होकर 5 जुलाई को होगी समाप्त

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है। इस बार यह यात्रा 27 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक चलेगी। रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ शहर की गलियों से गुजरेंगे और हजारों श्रद्धालु उन्हें खींचने में हिस्सा लेंगे। ब्रिगेड परेड ग्राउंड में इस दौरान बड़ा मेला भी लगता है।

पुरी की परंपरा, कोलकाता की धुन में

जगन्नाथ जी की सबसे प्रमुख रथयात्रा पुरी में होती है, जहां तीन किलोमीटर का रथ मार्ग तय कर भगवान गुंडिचा मंदिर में सात दिन रुकते हैं। आठवें दिन वापसी होती है जिसे बहुड़ा यात्रा कहा जाता है। कोलकाता की रथयात्रा इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 1972 से लगातार आयोजित हो रही है। नंदीघोष नाम के रथ में 16 पहिए होते हैं, जिनके नाम और बनावट भी खास होते हैं। इस रथ की ध्वजा का नाम त्रैलोक्यमोहिनी होता है और रस्सी को शंखचूड़ कहा जाता है।

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  1. कोलकाता इस्कॉन ने 48 साल बाद भगवान जगन्नाथ के रथ के टायर बदले, इस बार सुखोई फाइटर जेट के टायर लगाए गए।
  2. पहले बोइंग विमान के टायर इस्तेमाल होते थे, अब बाजार में मिलने मुश्किल हो गए, इसलिए सुखोई टायर चुने गए।
  3. सुखोई बनाने वाली कंपनी को कोलकाता बुलाकर रथ दिखाया गया, तब जाकर चार टायर की सप्लाई तय हुई।
  4. रथयात्रा 27 जून से शुरू होगी और 5 जुलाई को खत्म होगी, इस दौरान हजारों श्रद्धालु सड़कों पर उतरेंगे।
  5. पुरी की तर्ज पर कोलकाता में भी हर साल रथयात्रा होती है, जहां नंदीघोष रथ में 16 पहिए और खास ध्वजा होती है।
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