नेशनल ब्रेकिंग: विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान फर्जी पट्टे जारी करने और सदन में गलत जानकारी देने का मुद्दा जोर-शोर से उठा। इस मामले पर कुछ देर तक सदन में हंगामा चलता रहा। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि जिसने भी गलत जानकारी दी या फर्जी पट्टे जारी किए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व मंत्री का नाम लेने पर मचा हंगामा
इस दौरान जब फर्जी पट्टों के मामले में एक पूर्व मंत्री का नाम लिया गया तो सदन में और ज्यादा हंगामा मच गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस पर आपत्ति जताई। अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मामले को शांत कराते हुए स्पष्ट किया कि किसी पूर्व मंत्री का नाम सदन में नहीं लिया जा सकता।
बारां नगर परिषद में फर्जी पट्टों की जांच
विधायक कंवरलाल ने बारां नगर परिषद में फर्जी पट्टों के मामले पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिषद ने गलत जानकारी दी है। मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि वर्ष 2021 से 2024 के बीच 1448 पट्टे जारी किए गए, जिनमें से चार पट्टे फर्जी पाए गए। इस मामले में परिषद के तत्कालीन आयुक्त, कनिष्ठ अभियंता और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ आरोप पत्र जारी किए गए हैं।
डिग्गी निर्माण के आवेदन पर बहस
विधायक शिमला देवी ने अनूपगढ़ क्षेत्र में डिग्गी निर्माण के आवेदनों पर सवाल उठाया। राज्य मंत्री केके बिश्नोई ने बताया कि लंबित आवेदनों का क्रमवार निस्तारण किया जा रहा है। जब विधायक ने मृतक आवेदकों के वारिसों को प्राथमिकता देने का सवाल उठाया तो मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, हालांकि यदि सर्कुलर में ऐसा निर्देश है तो उस पर अमल किया जाएगा।
पंचायती राज में विपक्ष का विरोध
थानागाजी पंचायत को आवंटित राशि को लेकर भी सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जिला परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास करने के बाद धनराशि जारी करने की मांग की। मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विभाग को नहीं मिला है। इस पर विपक्ष ने सरकार पर पंचायती राज विभाग के विशेषाधिकारों के हनन का आरोप लगाया।
गृह निर्माण समितियों पर फर्जी पट्टे जारी करने का मामला
सदन में गृह निर्माण समितियों द्वारा एक ही प्लॉट पर दो-तीन पट्टे जारी करने का मुद्दा भी उठा। बगरू क्षेत्र में गैर अनुमोदित कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विधायक कैलाश वर्मा ने सवाल किया। इस पर यूडीएच मंत्री ने कहा कि 1990 से 1998 के बीच कई शिकायतें आई थीं और गृह निर्माण समितियों पर कार्रवाई की गई थी। मंत्री ने बताया कि सहकारिता विभाग नए अधिनियम के तहत कड़े प्रावधान लाने की तैयारी कर रहा है ताकि इस तरह के मामलों पर रोक लगाई जा सके।