उत्तराखंड के गौरीकुंड के पास रविवार तड़के हुए हेलिकॉप्टर हादसे में जयपुर निवासी और पूर्व सैन्य अधिकारी राजवीर सिंह की मौत हो गई। राजवीर पिछले नौ महीनों से आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के लिए हेलिकॉप्टर उड़ा रहे थे। हादसे के वक्त वह यात्रियों को लेकर केदारनाथ क्षेत्र में उड़ान पर थे। सुबह 5:20 बजे उन्होंने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को अंतिम संदेश भेजा—”लेफ्ट टर्न कर रहा हूं, लैंडिंग के लिए जा रहा हूं”। चंद पलों बाद उनका चॉपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
7 लोगों की गई जान, डीएनए से होगी पहचान
गढ़वाल रेंज के आईजी के मुताबिक, जंगलों में गिरा यह हेलिकॉप्टर पूरी तरह जल गया था। दुर्घटना में सभी सात यात्रियों की मौत हो गई है। शव इस कदर क्षत-विक्षत हो चुके हैं कि पहचान संभव नहीं हो पा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि परिजनों को शव सौंपने से पहले डीएनए टेस्ट अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
सेना से लिया वीआरएस, पत्नी भी हैं सैन्य अधिकारी
37 वर्षीय राजवीर सिंह ने सेना में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल 14 वर्षों तक सेवा दी थी। कुछ समय पहले उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर पायलट की भूमिका में नई शुरुआत की थी। उनकी पत्नी दीपिका चौहान भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल पद पर तैनात हैं। दोनों ने 14 साल बाद पहली बार पैरेंटहुड का अनुभव किया था—चार महीने पहले उनके जुड़वां बेटे हुए थे।
‘बेटे ने कहा था- मैं सुरक्षित लैंड करूंगा’
राजवीर के पिता गोविंद सिंह ने बताया कि उन्हें हादसे की खबर दो घंटे बाद मिली। उन्होंने कहा, “राजवीर ने लैंडिंग से ठीक पहले मैसेज किया था कि वह लेफ्ट टर्न ले रहा है। तीन हेलिकॉप्टर साथ में गए थे, दो लैंड कर गए, लेकिन उसका चॉपर क्रैश हो गया। उसके आखिरी शब्द यही थे।”
परिवार में पसरा मातमराजवीर के परिवार में अब शोक की लहर है। जयपुर के शास्त्री नगर स्थित उनके आवास पर रिश्तेदार और पड़ोसी पहुंचने लगे हैं। पिता गोविंद सिंह, जो बीएसएनएल से रिटायर्ड हैं, और बड़ा बेटा इस खबर से गहरे सदमे में हैं।