चारधाम यात्रा के तहत शुक्रवार को केदारनाथ धाम के पट खुल गए। पंचमुखी डोली पहुंचने के बाद यहां विधि विधान से पूजा हुइ और फिर सवेरे सात बजे मंदिर के पट खुले। पट खुलते ही हजारों श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाए और दर्शन किए।

हेलीकॉप्टर से की गई पुष्प वर्षा
केदारनाथ के पट खुलने से पूर्व भगवान की पंचमुखी डोली यात्रा 28 अप्रैल से शुरू हुई। यह यात्रा उखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर से प्रारंभ हुई। इसके बाद गुप्तकाशी में विश्वनाथ मंदिर पहुंची। 29 अप्रैल को डोली यात्रा गुप्तकाशी से फाटा और 30 अप्रैल को फाटा से गौरीकुंड पहुंची।1 मई को यात्रा गौरीकुंड से जंगलछत्ती, भीमबाली, रामबाड़ा और रुद्र पॉइंट से होकर केदारनाथ धाम पहुंची। शुक्रवार सवेरे पूजा विधि के बाद धाम के पट खोले गए। इस मौके हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।
गंगोत्री, यमुनोत्री के पट 30 को खुले
यात्रा के तहत इससे पूर्व 30 अप्रेल को गंगोत्री और यमुनोत्री के पट खुले थे।


ऐसे पहुंच सकते हैं केदारनाथ
केदारनाथ आने के लिए चारधाम यात्री हरिद्वार और ऋषिकेश से सीधे बस ले सकते हैं। बसें सिर्फ सोनप्रयाग तक ही जाती हैं। यहां से आपको 8 किलोमीटर दूर गौरीकुंड तक आना होगा। यहीं से केदारनाथ धाम के लिए 20 किमी का मुश्किल ट्रैक शुरू होता है।
चार मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के पट

बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई की सुबह 6 बजे खुलेंगे। यहां आने के लिए चारधाम यात्री हरिद्वार से सीधे जोशीमठ तक बस से सफर कर सकते हैं। जोशीमठ से 40 किलोमीटर की दूरी पर बद्रीनाथ धाम पड़ता है। बद्रीनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर सुविधा भी है।