Wednesday, April 30, 2025
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किडनी इंफेक्शन के ये लक्षण आप में भी हैं तो आज ही लें डॉक्टर से सलाह, समय पर इलाज जरुरी

नेशनल ब्रेकिंग. किडनी इंफेक्शन, जिसे पायलोनेफ्राइटिस भी कहा जाता है, एक गंभीर प्रकार का मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) है, जो शरीर से पेशाब ले जाने वाली नली (मूत्रमार्ग) या मूत्राशय से शुरू होकर किडनी तक पहुंच सकता है। किडनी इंफेक्शन के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • बुखार और ठंड लगना: किडनी संक्रमण के दौरान शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जिससे बुखार और ठंड लगने की समस्या होती है।
  • पेशाब करते समय जलन या दर्द: किडनी इंफेक्शन के दौरान पेशाब करते वक्त दर्द या जलन महसूस हो सकती है।
  • बार-बार पेशाब आना: पेशाब करने की आवृत्ति बढ़ जाती है, और पेशाब के लिए तीव्र या स्थायी इच्छा होती है।
  • पीठ, बगल या कमर में दर्द: किडनी इंफेक्शन के कारण पीठ या कमर में दर्द हो सकता है, जो संक्रमण की गंभीरता का संकेत हो सकता है।
  • मूत्र में मवाद या खून: पेशाब में मवाद (pus) या खून आ सकता है, जो संक्रमण का संकेत है।
  • मूत्र से बदबू आना: पेशाब की गंध में बदलाव हो सकता है और यह बदबूदार हो सकता है।
  • मतली और उल्टी: संक्रमण के कारण पेट में गड़बड़ी हो सकती है, जिससे मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है।
  • पेट में दर्द: किडनी में संक्रमण होने पर पेट में असहजता और दर्द हो सकता है।

किडनी इंफेक्शन के कारण

किडनी इंफेक्शन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे सामान्य है बैक्टीरिया का संक्रमण। बैक्टीरिया मूत्रमार्ग के माध्यम से किडनी तक पहुंच सकते हैं और वहां इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। किडनी में संक्रमण होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • बैक्टीरिया का संक्रमण: सबसे सामान्य कारण बैक्टीरिया का संक्रमण है, जो मूत्रमार्ग में प्रवेश करता है और किडनी तक पहुंचता है।
  • मूत्र मार्ग में रुकावट: मूत्र मार्ग में कोई रुकावट या समस्या (जैसे कि पथरी, बड़े प्रोस्टेट या मूत्राशय में रुकावट) किडनी इंफेक्शन का कारण बन सकती है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: यदि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो, तो बैक्टीरिया आसानी से किडनी तक पहुंच सकते हैं और इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
  • गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में मूत्र मार्ग संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, जिससे किडनी इंफेक्शन हो सकता है।
  • मूत्र पथ का आकार: छोटे बच्चों या बूढ़े व्यक्तियों में मूत्र मार्ग का आकार छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया को किडनी तक पहुंचने में आसानी हो सकती है।
  • किडनी स्टोन (पथरी): किडनी में पथरी होने के कारण मूत्र मार्ग में रुकावट हो सकती है, जिससे किडनी इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • वृद्धावस्था: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, किडनी और मूत्र मार्ग की कार्यक्षमता कम हो सकती है, जिससे किडनी इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है।

किडनी इंफेक्शन का इलाज और डॉक्टर से कब संपर्क करें

किडनी इंफेक्शन एक गंभीर समस्या हो सकती है, जिससे कई जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। यदि आपको किडनी इंफेक्शन के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इलाज में देरी से खतरनाक जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे:

  • रक्त विषाक्तता (Sepsis): संक्रमण रक्तप्रवाह में फैलकर शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
  • किडनी का नुकसान: यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो किडनी को स्थायी नुकसान हो सकता है।
  • शरीर के ऊतकों को नुकसान: गंभीर इंफेक्शन से शरीर के विभिन्न अंगों और ऊतकों में क्षति हो सकती है।
  • मृत्यु: अत्यधिक संक्रमण से जीवन का खतरा भी हो सकता है, अगर सही समय पर उपचार न किया जाए।

अगर आपको पेशाब में खून, मवाद, गंभीर पीठ दर्द, या मतली और उल्टी की समस्या हो, तो यह संकेत हो सकते हैं कि किडनी इंफेक्शन गंभीर रूप ले चुका है। ऐसी स्थिति में, तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

किडनी इंफेक्शन के उपचार के तरीके

  • एंटीबायोटिक्स: किडनी इंफेक्शन का उपचार आमतौर पर एंटीबायोटिक्स से किया जाता है। डॉक्टर आपको उपयुक्त एंटीबायोटिक दवाइयां निर्धारित करेंगे।
  • हॉस्पिटल में भर्ती: यदि संक्रमण गंभीर है, तो अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है, जहां आपको IV (इंट्रावेनस) दवाइयां दी जाती हैं।
  • विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स: डॉक्टर आपके इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स भी सुझा सकते हैं।
  • पानी का अधिक सेवन: किडनी इंफेक्शन में पानी अधिक पीने की सलाह दी जाती है, ताकि बैक्टीरिया पेशाब के माध्यम से बाहर निकल सकें।

डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें: दवाइयों की पूरी खुराक लेकर डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।

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