भारत में जल्द ही लोग मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस ब्राउजर को भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो कॉर्पोरेशन डेवलप करेगी, जो गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज जैसे बड़े ब्राउजर्स को टक्कर देगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसकी घोषणा की। मेड इन इंडिया ब्राउजर के निर्माण के लिए सरकार 3 करोड़ रुपये की फंडिंग प्रदान करेगी। ब्राउजर के पूरा होने के बाद इसे सिक्योरिटी सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिससे यूजर्स इसे सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकेंगे।
मंत्रालय ने ‘इंडियन वेब ब्राउजर डेवलपमेंट चैलेंज’ नामक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें जोहो कॉर्पोरेशन ने पहला स्थान हासिल किया। इस उपलब्धि के लिए जोहो को 1 करोड़ रुपये का इनाम दिया गया है।
टॉप 3 टीमों को मिला पुरस्कार
इस प्रतियोगिता में टीम पिंग दूसरे और टीम अजना तीसरे स्थान पर रही। पुरस्कार के रूप में टीम पिंग को 75 लाख रुपये और टीम अजना को 50 लाख रुपये मिले। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी विजेताओं को चेक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि विजेता टीमें टियर-2 और टियर-3 शहरों से आई हैं।
भारतीय बाजार पर विदेशी ब्राउजर्स का कब्जा
वर्तमान में भारत में इंटरनेट ब्राउजिंग पर विदेशी कंपनियों का दबदबा है। गूगल क्रोम के पास 88.94% मार्केट शेयर है और इसके करीब 850 मिलियन यूजर्स हैं। अन्य लोकप्रिय ब्राउजर्स में माइक्रोसॉफ्ट एज, मोज़िला फायरफॉक्स और ओपेरा शामिल हैं।
भारत को अपने ब्राउजर की जरूरत क्यों?
गूगल क्रोम और फायरफॉक्स जैसे ब्राउजर्स भारतीय सर्टिफिकेशन एजेंसियों को अपने रूट स्टोर में शामिल नहीं करते। रूट स्टोर एक ट्रस्ट स्टोर की तरह काम करता है, जो ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन की सुरक्षा तय करता है।
मेड इन इंडिया ब्राउजर की खासियतें
डेटा सिक्योरिटी – यह ब्राउजर सरकार की निगरानी में रहेगा और डेटा देश में ही स्टोर होगा।
डेटा प्राइवेसी – स्वदेशी ब्राउजर भारतीय डेटा प्राइवेसी कानूनों का पालन करेगा।
सभी डिवाइस पर उपलब्ध – यह iOS, Windows और Android सभी प्लेटफॉर्म्स पर काम करेगा।भारत सरकार का अपना ब्राउजर होने से डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी को मजबूत किया जा सकेगा।
जोहो: भारत की अग्रणी टेक कंपनी
जोहो कॉर्पोरेशन एक भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनी है, जिसका मुख्यालय चेन्नई में है। यह ईमेल, ऑफिस टूल्स और कस्टमर मैनेजमेंट सिस्टम (CRM) जैसे इंटरनेट बेस्ड सॉफ्टवेयर विकसित करती है। 1996 में श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस द्वारा स्थापित इस कंपनी ने भारतीय और वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत पहचान बनाई है।

- भारत को जल्द मिलेगा पहला स्वदेशी वेब ब्राउजर, जिसे जोहो कॉर्पोरेशन विकसित करेगी और सरकार ₹3 करोड़ की फंडिंग देगी।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘इंडियन वेब ब्राउजर डेवलपमेंट चैलेंज’ में जोहो ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और ₹1 करोड़ का पुरस्कार जीता।
- टीम पिंग और टीम अजना को क्रमशः ₹75 लाख और ₹50 लाख मिले, विजेता टीमों में टियर-2 और टियर-3 शहरों के युवा शामिल।
- स्वदेशी ब्राउजर से डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी को मिलेगा बढ़ावा, यह iOS, Windows और Android सभी प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा।
- भारतीय बाजार में गूगल क्रोम का 88.94% मार्केट शेयर, नया वेब ब्राउजर विदेशी कंपनियों के वर्चस्व को चुनौती देगा।