महाशिवरात्रि 2025 का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। जानें पूजा विधि, उपाय और महत्व।
नई दिल्ली. महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह पर्व फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की विशेष मान्यता है। महाशिवरात्रि के दिन खास खगोलीय योग बन रहे हैं। इस दिन शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा, और राहु भी उसके साथ रहेगा।
यह एक शुभ योग माना जा रहा है। भक्तों को विशेष आशीर्वाद और सुख-समृद्धि दिलाने का संकेत है। इसके अलावा, सूर्य और शनि कुंभ राशि में रहेंगे, जो यह दर्शाता है कि महाशिवरात्रि के समय ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह एक खास अवसर है। इन ग्रहों का संयोग इस दिन की पूजा को और भी फलदायी बना सकता है।
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में समृद्धि का वास होता है। इस दिन को लेकर कई महत्वपूर्ण पूजा विधियां और उपाय भी बताए गए हैं, जिनसे भक्त सुख, समृद्धि, और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि कब है 2025?
महाशिवरात्रि का व्रत इस बार 26 फरवरी 2025, बुधवार को रखा जाएगा। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 25 फरवरी की मध्यरात्रि से शुरू हो जाएगी, जिससे महाशिवरात्रि की पूजा 26 फरवरी को की जाएगी।
महाशिवरात्रि 2025 पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिपूर्वक करना आवश्यक है।
- सबसे पहले, ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन सुबह और शाम, दोनों समय शिव और पार्वती की पूजा करें।
- खासकर महिलाएं इस दिन माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
- बेलपत्र, भांग, और धतूरा भगवान शिव को अर्पित करें।
- भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और नंदी महाराज को भी वस्त्र अर्पित करें।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन शिव ने वैराग्य त्याग कर पार्वती के साथ गृहस्थ जीवन अपनाया था। साथ ही, चतुर्थी तिथि का भी विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है। शिव ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया था। इस दिन शिव की पूजा से चंद्र दोष भी समाप्त होता है।
महाशिवरात्रि पर सुख-समृद्धि के उपाय
- शिव मंदिर में दीपक जलाना: महाशिवरात्रि की रात को शिव मंदिर में दीपक जलाने से धन की प्राप्ति होती है।
- पारद शिवलिंग का पूजन: घर में पारद शिवलिंग स्थापित करने से लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
- स्फटिक शिवलिंग पूजा: स्फटिक शिवलिंग की पूजा से खर्च पर नियंत्रण और धन की बचत होती है।
- हनुमान चालीसा का पाठ: हनुमान चालीसा का पाठ शिव और हनुमान दोनों देवताओं की कृपा प्राप्त कराता है।
- दान करना: सुहागन महिलाओं को दान देने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है।
- बिल्व वृक्ष के नीचे खीर और घी दान: इस उपाय से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- दान-पुण्य: जरूरतमंदों को दान देने से पुराने पाप समाप्त होते हैं और पुण्य प्राप्त होता है।