रविवार, जून 15, 2025
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महाराष्ट्र चुनाव ‘फिक्सिंग’ वाले राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का जोरदार जवाब, कहा- बिल्कुल बेतुका

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में BJP पर चुनावी धांधली का आरोप लगाते हुए X पर एक पोस्ट और लेख साझा किया, जिसमें उन्होंने पांच चरणों वाली एक चुनाव ‘फिक्सिंग’ प्रक्रिया का जिक्र किया। राहुल ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट से लेकर मतदान प्रतिशत और फर्जी वोटिंग तक सुनियोजित हेराफेरी हुई है। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप न सिर्फ झूठे हैं, बल्कि कानून का भी मज़ाक उड़ाते हैं। आयोग ने कहा कि कांग्रेस को पहले ही सभी तथ्यों से अवगत कराया जा चुका था, फिर भी वही आरोप दोहराना तथ्यहीन और बेतुका है।

चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को बताया ‘बेतुका’

राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें ‘बिलकुल बेतुका’ बताया। ईसीआई ने कहा कि बार-बार तथ्यों को नजरअंदाज कर कांग्रेस नेता देश की चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। आयोग के मुताबिक, दिसंबर 2024 में ही कांग्रेस को पूरे तथ्यों से अवगत करा दिया गया था, जो आज भी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। फिर भी राहुल गांधी ने इन्हें नज़रअंदाज़ कर गलत जानकारी फैलाई।

‘मैच फिक्सिंग’ जैसी चुनावी प्रक्रिया का आरोप

राहुल गांधी ने अपने लेख में दावा किया कि महाराष्ट्र चुनाव पांच चरणों की ‘मैच फिक्सिंग’ स्क्रिप्ट जैसा था। उन्होंने कहा—पैनल में हेरफेर कर चुनाव आयोग की नियुक्ति हुई, वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े गए, मतदान प्रतिशत बढ़ाया गया, भाजपा के पक्ष में फर्जी वोट डलवाए गए और अंत में सबूत छिपाए गए। उन्होंने चेताया कि यही पैटर्न अब बिहार जैसे राज्यों में दोहराया जा सकता है।

ईसीआई ने गिनाए आंकड़े, कहा- सब कुछ पारदर्शी था

चुनाव आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान 6.40 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। हर घंटे औसतन 58 लाख वोट डाले गए। अंतिम दो घंटों में 65 लाख वोट डाले गए, जो औसत से कम हैं। आयोग ने बताया कि हर मतदान केंद्र पर राजनीतिक पार्टियों के नियुक्त पोलिंग एजेंट मौजूद थे, जिनमें कांग्रेस के भी प्रतिनिधि शामिल थे। किसी ने भी मतदान में गड़बड़ी की शिकायत नहीं की थी।

फर्जी मतदाता और वोटिंग पर चुनाव आयोग ने दी सफाई

ईसीआई ने कहा कि भारत में मतदाता सूची जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के तहत तैयार होती है। अगर गड़बड़ी होती तो पार्टी को पहले ही आपत्ति दर्ज करानी चाहिए थी, लेकिन कांग्रेस की तरफ से सिर्फ 89 शिकायतें आईं और वो भी मामूली थीं। यह दिखाता है कि कांग्रेस के पास मजबूत सबूत नहीं थे, इसलिए अब सार्वजनिक मंच पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।

राहुल गांधी के आरोपों से चुनाव अधिकारियों का मनोबल गिरा

चुनाव आयोग ने साफ कहा कि ऐसे आरोप लाखों अधिकारियों की मेहनत और ईमानदारी को ठेस पहुंचाते हैं। यह न सिर्फ राजनीतिक एजेंडा है बल्कि लोकतांत्रिक संस्थानों की छवि बिगाड़ने की कोशिश भी। आयोग ने कहा कि अगर हार का कारण जनसमर्थन न मिलना है, तो उस पर आत्मचिंतन होना चाहिए, न कि चुनावी संस्थानों को दोष देना।

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  1. राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में पांच चरणों की ‘मैच फिक्सिंग’ प्रक्रिया का आरोप लगाया, जिसमें वोटर लिस्ट से लेकर फर्जी वोटिंग तक सब कुछ शामिल था।
  2. चुनाव आयोग ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि ये बेतुके और तथ्यहीन हैं, जो कानून और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान हैं।
  3. आयोग ने बताया कि कांग्रेस को पहले ही विस्तृत जवाब दे दिया गया था, और वोटिंग पूरी तरह पारदर्शी तरीके से हुई थी।
  4. ईसीआई के अनुसार, अंतिम दो घंटों में पड़े वोट औसत से कम थे, और किसी भी पोलिंग एजेंट ने कोई औपचारिक शिकायत नहीं की।
  5. आयोग ने राहुल गांधी पर संस्थाओं की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह के बयान चुनावी प्रक्रिया पर जनता का भरोसा कमजोर करते हैं।
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