Monday, April 28, 2025
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अभिनेता मनोज कुमार का निधन, देश को दी शहीद, क्रांति और उपकार जैसी फिल्मे, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और प्रेरणादायक चेहरों में शामिल अभिनेता मनोज कुमार का शुक्रवार सुबह मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। मनोज कुमार को देशभक्ति फिल्मों के कारण ‘भारत कुमार’ की उपाधि मिली थी, जो आज भी उनकी पहचान बनी हुई है।

उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने जानकारी दी कि मनोज कुमार को 21 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर 12 बजे विलेपार्ले स्थित हिंदू श्मशान भूमि पर किया जाएगा।

देशभक्ति के सिनेमा को नई परिभाषा देने वाले अभिनेता

मनोज कुमार ने अपने करियर में ‘उपकार’, ‘पूरब-पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी फिल्मों से भारतीय दर्शकों के दिल में जगह बनाई। 1968 में रिलीज़ हुई ‘उपकार’ के लिए उन्हें बेस्ट फिल्म, डायरेक्टर, स्टोरी और डायलॉग जैसे कुल चार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले। उन्हें कुल सात फिल्मफेयर पुरस्कार, 1992 में पद्मश्री और 2016 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया, जो उनकी कला और देशभक्ति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

शोक में डूबा फिल्म जगत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘X’ पर लिखा, “वह भारतीय सिनेमा के प्रतीक थे, जिनकी देशभक्ति उनकी फिल्मों में भी झलकती थी।”


फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने उन्हें “भारत के पहले सच्चे और मौलिक फिल्म निर्माता” बताया।

अभिनेता अक्षय कुमार ने भी मनोज कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि “मैं उनसे सीखता हुआ बड़ा हुआ हूं। वे हमारे बिरादरी की सबसे बड़ी संपत्तियों में से एक थे।”

दिलीप कुमार से प्रेरित होकर रखा अपना नाम

मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था, लेकिन वे दिलीप कुमार के बड़े प्रशंसक थे। दिलीप साहब की फिल्म ‘शबनम’ (1949) में उनके किरदार का नाम ‘मनोज’ था। इसी से प्रेरित होकर हरिकृष्ण ने अपना नाम मनोज कुमार रख लिया और इसी नाम से वे फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर हुए।

‘उपकार’ से बने ‘भारत कुमार’

मनोज कुमार को उनकी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाना जाता था। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उनसे ‘जय जवान, जय किसान’ के संदेश को लेकर फिल्म बनाने का आग्रह किया। इसके बाद मनोज कुमार ने ‘उपकार’ (1967) बनाई, जो उस साल की सबसे बड़ी हिट रही। फिल्म का गीत ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ आज भी देशभक्ति गीतों में सबसे लोकप्रिय है।

सिनेमा में अमूल्य योगदान

मनोज कुमार ने अपने करियर में ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं। उनके अभिनय और निर्देशन को खूब सराहा गया। उन्हें सात फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले, जिनमें से पहला 1968 में ‘उपकार’ के लिए मिला।

1992 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया, जबकि 2016 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ से नवाजा गया।

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