रविवार, जून 15, 2025
spot_img
होमधर्म-संस्कृतिमोहिनी एकादशी 2025: भगवान विष्णु के नारी रूप की पूजा, जीवन में...

मोहिनी एकादशी 2025: भगवान विष्णु के नारी रूप की पूजा, जीवन में आएगा सौभाग्य और सुख-शांति

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है, इस वर्ष 8 मई 2025 को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इसके माहात्म्य का वर्णन धर्मशास्त्रों में सहस्र गौदान के समान पुण्यदायक बताया गया है। मोहिनी एकदशी  7 मई को सुबह 10:19 बजे से प्रारंभ होकर 8 मई को दोपहर 12:29 बजे तक रहेगी। इस दौरान पूजा के शुभ मुहूर्त सुबह 5:35 से 7:16 तक निर्धारित हैं। व्रत पारण का समय 9 मई को सुबह 5:34 से 8:16 बजे तक रहेगा।

 धर्मग्रंथों में मोहिनी अवतार का उल्लेख

 पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय उत्पन्न हुए अमृत को लेकर देवताओं और असुरों में विवाद हुआ। इस संकट के समाधान हेतु भगवान विष्णु ने मोहिनी स्वरूप में प्रकट होकर अमृत को देवताओं में वितरित किया।
इस अवतार को केवल रूप और सौंदर्य ही नहीं, बल्कि चातुर्य और धर्मरक्षा का प्रतीक भी माना गया है। इसी कारण वैशाख शुक्ल एकादशी को यह दिन ‘मोहिनी एकादशी’ के रूप में मनाया जाता है।

सौभाग्य और सुख-समृद्धि के लिए जरूर करें ये कार्य

मोहिनी एकादशी के दिन कुछ विशेष धार्मिक उपाय किए जाते हैं, जो न सिर्फ आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन में सौभाग्य, सुख और शांति भी लाते हैं। इस दिन किए गए छोटे-छोटे कार्य घर-परिवार पर शुभ प्रभाव डालते हैं।

सुबह जल्दी उठें और स्नान करें

  • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) में उठकर शुद्ध जल से स्नान करें।
  • स्नान के बाद स्वच्छ, हल्के पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।

घर के पूजा स्थान और तुलसी के पास करें सफाई

  • पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और वहां गंगाजल का छिड़काव करें।
  • घर में तुलसी का पौधा हो तो उसके चारों ओर सफाई करें। तुलसी माता को पवित्रता का प्रतीक माना गया है।

दीप जलाएं और तुलसी पूजन करें

  • तुलसी के पास शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं।
  • तुलसी को लाल चुनरी अर्पित करें और उन्हें रोली-अक्षत से सजाएं।
  • तुलसी के पास “ॐ तुलस्यै नमः” मंत्र का जाप करें।

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें

  • भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी पत्र, फल और नैवेद्य अर्पित करें।
  • माता लक्ष्मी के चरणों में कमलगट्टा, चावल और गुलाबी फूल अर्पण करें।
  • ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ और ‘श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्रों का जप करें।

सच्चे भाव से प्रार्थना करें

  • भगवान से प्रार्थना करें कि घर में सुख-शांति बनी रहे, दुर्भाग्य दूर हो और पारिवारिक सदस्यों को स्वास्थ्य व समृद्धि प्राप्त हो।

 दान-पुण्य और सेवा करें

  • इस दिन गरीबों या ज़रूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करें।
  • गौ सेवा, जल सेवा या किसी धार्मिक स्थान पर सहयोग करना भी अत्यंत पुण्यदायक माना गया है।
अन्य खबरें