नवरात्रि के नौ दिनों में चौथा दिन मां कूष्मांडा की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कूष्मांडा सृजन और मातृत्व शक्ति की प्रतीक मानी जाती हैं। कहा जाता है कि जब संसार में अंधकार का साम्राज्य था, तब मां कूष्मांडा ने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की। यही कारण है कि उन्हें सृष्टि की आदिशक्ति कहा जाता है।
मां कूष्मांडा की पूजा से रोग-शोक का नाश होता है और आयु व यश में वृद्धि होती है। उनके आशीर्वाद से भक्तों को मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। खासकर विद्यार्थियों के लिए मां कूष्मांडा की उपासना अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

मां कूष्मांडा की पूजा का मुहूर्त (2 अप्रैल 2024)
- चर (सामान्य): सुबह 9:18 से सुबह 10:52 तक
- लाभ (उन्नति): सुबह 10:52 से दोपहर 12:25 तक
- अमृत (सर्वोत्तम): दोपहर 12:25 से दोपहर 1:59 तक
पूजा विधि और सामग्री
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा के लिए सुबह स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें। मां की प्रतिमा या तस्वीर को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें। पूजा के दौरान निम्नलिखित सामग्री का उपयोग करें:
- कुमकुम, मौली, अक्षत और लाल रंग के फूल
- फल, पान के पत्ते, केसर और श्रृंगार सामग्री
- सफेद कुम्हड़ा (अगर उपलब्ध हो) या उसके फूल
- मालपुए का भोग
मंत्र जाप करें: “ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः”
पूजा के बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें और घी के दीपक से आरती करें।
मां कूष्मांडा की महिमा: सृष्टि की आदिशक्ति
भगवती पुराण में मां कूष्मांडा को अष्टभुजा से युक्त बताया गया है। उनका स्वरूप सौम्य और मोहक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था और चारों ओर अंधकार था, तब देवी कूष्मांडा ने अपनी मुस्कान से ब्रह्मांड का सृजन किया।
कहते हैं कि मां कूष्मांडा की आराधना से मनुष्य को अलौकिक शक्ति और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। मां की कृपा से जीवन में यश और कीर्ति का वास होता है। देवी की महिमा का गुणगान करने से मानसिक शांति और आत्मबल में वृद्धि होती है।
क्यों करें मां कूष्मांडा की पूजा?
मां कूष्मांडा की पूजा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। वे अपनी मंद मुस्कान से जीवन के अंधकार को दूर कर भक्तों को प्रकाश और नई ऊर्जा का आशीर्वाद देती हैं। जो भी श्रद्धालु नवरात्रि में मां कूष्मांडा की सच्चे मन से आराधना करते हैं, उनके जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का वास होता है।