पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया है। गुरुवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में शहीदों की अंतिम यात्रा निकली, जिसने हर आंख को नम कर दिया। गुजरात के यतीशभाई परमार और उनके बेटे स्मित परमार की एक साथ अंतिम यात्रा ने हर दिल को छू लिया।
योगी से शुभम की पत्नी बोली- कड़ा बदला चाहिए
कानपुर के शुभम द्विवेदी का अंतिम संस्कार गुरुवार को भारी गम और गुस्से के माहौल में किया गया। शुभम, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में शहीद हुए थे। शोक में डूबे उनके घर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया।
मुख्यमंत्री को देखते ही शुभम की पत्नी अपने आंसू नहीं रोक सकीं। उन्होंने कहा, “आतंकियों ने मेरे सामने ही मेरे पति को गोली मारी… योगी जी हमें कड़ा बदला चाहिए… आप इसका हिसाब लो।” उनकी चीख और लाचारी ने पूरे माहौल को स्तब्ध कर दिया। योगी ने गंभीर स्वर में जवाब दिया, “यह हमला ताबूत पर आखिरी कील होगा।”
पीड़ित परिवार के साथ संवेदना जताने आए अन्य जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने भी आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। शुभम के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी, हर आंख नम थी।
सीएम भजनलाल ने नीरज की मां के आंसू पोछे
जयपुर के नीरज उधवानी भी उन 27 निर्दोषों में शामिल थे, जिन्हें पहलगाम में आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया। गुरुवार को उनके पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी गई। बड़े भाई किशोर उधवानी ने मुखाग्नि दी और पूरा परिवार शोकाकुल वातावरण में गमगीन रहा।
नीरज की पत्नी आयुषी मोक्षधाम में हाथ जोड़कर शव के पास बिलखती रहीं। उन्हें बार-बार ढांढस बंधाने की कोशिश की गई, लेकिन शोक का सैलाब थम नहीं रहा था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद उनके जयपुर स्थित निवास पर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। जैसे ही सीएम नीरज की मां ज्योति से मिले, वह फूट-फूटकर रोने लगीं। भजनलाल ने मां के आंसू पोछे और सान्त्वना दी। सीएम की यह भावुक मुलाकात सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी रही।
इंदौर में गूंजा सन्नाटा, ताबूत से लिपटकर रोईं सुशील की पत्नी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में इंदौर निवासी सुशील नथानियल की भी जान चली गई। शुक्रवार को उन्हें ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम विदाई दी गई।
सुशील की अंतिम यात्रा उनके वीणा नगर स्थित घर से शुरू हुई। परिवार, मित्र और सहकर्मी नम आंखों से उन्हें अंतिम सफर के लिए विदा करने पहुंचे। विशेष वाहन से उनका पार्थिव शरीर नंदा नगर चर्च ले जाया गया, जहां प्रार्थना सभा के बाद कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान सबसे हृदयविदारक दृश्य तब देखने को मिला, जब पत्नी जेनिफर ताबूत से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगीं। वहीं, सुशील के पिता बदहवास नजर आए। वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं। पूरा इंदौर इस विदाई में जैसे थम-सा गया था।
बिहार में IB अफसर मनीष को दी गई अंतिम विदाई
उधर, बिहार के भागलपुर जिले के रहने वाले मनीष रंजन भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए। शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मनीष रंजन IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के हैदराबाद ऑफिस में सेक्शन ऑफिसर पद पर तैनात थे। परिवार का कहना है कि यह उनकी दूसरी नौकरी थी; पहली नौकरी एक्साइज विभाग में थी। हालांकि, सरकारी दस्तावेजों में उन्हें सिर्फ “एक्साइज इंस्पेक्टर” बताया गया है, जिससे परिवार आहत है।
उनकी मां ने कहा, “जिस बेटे को हमने देश के लिए खो दिया, उसकी पहचान तक ठीक से नहीं दी जा रही।”
छत्तीसगढ़ के दिनेश का अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि
रायपुर निवासी दिनेश मिरानिया, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए थे, उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। बेटे शौर्य ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि दी।
इस मौके पर राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह समेत कई मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे। अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने शामिल होकर श्रद्धांजलि दी।
पाकिस्तान के झंडे सड़क पर चिपकाए
हमले को लेकर रायपुर में आक्रोश चरम पर है। लोगों ने सड़कों पर पाकिस्तान के झंडे और आतंकियों की तस्वीरें चिपका दीं, जिन पर से गुजरते हुए लोग गुस्से में थूकते और गालियां देते नजर आए।
अंतिम यात्रा शुरू होने से पहले दिनेश की पत्नी नेहा मिरानिया गहरे सदमे में बेहोश हो गईं। उन्हें परिजन घर के अंदर ले गए। पूरा माहौल शोक और रोष से भरा हुआ था।