जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाकिस्तानी ड्रोन हमले में शहीद हुए सीवान के जवान रामबाबू प्रसाद की पार्थिव देह जैसे ही उनके गांव वसिलपुर पहुंची, गांव का माहौल गमगीन हो गया। मां बेटे की लाश देख बेसुध होकर गिर पड़ीं, वहीं चाचा भी बिलख पड़े। जवान की अंतिम झलक पाने के लिए सैकड़ों लोग उमड़ पड़े।
‘भारत माता की जय’ से गूंजा श्मशान घाट
बुधवार को गांव के ही श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ रामबाबू का अंतिम संस्कार किया गया। पार्थिव शरीर को लेकर जैसे ही अंतिम यात्रा निकली, ‘भारत माता की जय’ और ‘रामबाबू अमर रहें’ के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। लोगों की आंखों में आंसू थे, लेकिन देशभक्ति का जज्बा भी दिखा।
PAK हमले में घायल हुए थे रामबाबू
12 मई को जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी ड्रोन अटैक में रामबाबू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान सोमवार-मंगलवार की रात करीब 1 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। वे S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की यूनिट में तैनात थे, जो पाकिस्तान से आने वाले हमलों को नाकाम करता है।
नवविवाहित पत्नी गर्भवती, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
रामबाबू की शादी 14 दिसंबर 2024 को हुई थी। उनकी पत्नी गर्भवती हैं। शहीद की मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। पिता रामविचार सिंह गांव के उप मुखिया रहे थे। बेटे की शहादत की खबर मिलते ही गांव में सन्नाटा पसर गया था।
ट्रांसफर के बाद भी रुके थे ड्यूटी पर
अप्रैल में रामबाबू छुट्टी बिताकर सीवान से जम्मू लौटे थे। उनका ट्रांसफर उदयपुर हो गया था, लेकिन पहलगाम हमले के बाद उन्हें वहीं रोक लिया गया। वे देश की रक्षा में हर हाल में डटे रहे, और आखिर में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

- सीवान के जवान रामबाबू का पार्थिव शरीर गांव लाया गया, भारी संख्या में लोग हुए शामिल।
- मां और चाचा शहीद के शव से लिपटकर रो पड़े, माहौल हुआ भावुक।
- शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, गांव में ‘भारत माता की जय’ के नारे लगे।
- पाकिस्तानी ड्रोन हमले में घायल हुए थे रामबाबू, अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत।
- नवविवाहित पत्नी गर्भवती, परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा।