हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित राजभवन की एक टेबल पर रखा पाकिस्तान का फ्लैग हटा दिया गया है। यह फ्लैग यहां 53 साल से लगा था। दरअसल, जिस टेबल पर यह फ्लैग लगा था, उसी पर भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में शिमला समझौते पर दस्तखत हुए थे। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। जिनमें सिंधु जल समझौता भी रद्द करना शामिल है। वहीं पाकिस्तान की ओर से शिमला समझौता रद्द करने की बात कही गई। उसके बाद से ही यह फ्लैग हटा दिया गया है, हालाकि इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।
आतंकी हमले के बाद तस्वीरें सामने आईं
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद यह मामला सुर्खियों में आया है। हमले के बाद शिमला स्थित इस मेज की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिनमें देखा गया कि पाकिस्तान का झंडा अब वहां मौजूद नहीं है।
क्या है शिमला समझौता
2 जुलाई 1972 की रात को भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ था। यह समझौता भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुआ था। तब शिमला का यह भवन ‘बार्नेस कोर्ट’ नाम से जाना जाता था, जो अब हिमाचल का राजभवन है।
शिमला समझौते की मुख्य बातें क्या थीं?
- भारत और पाकिस्तान सभी विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए सहमत हुए थे।
- सभी मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय वार्ता से होना तय हुआ था, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं मानी गई।
- युद्ध में कब्जा किए गए क्षेत्रों की वापसी और युद्धबंदियों की रिहाई का प्रावधान भी शामिल था।
- दोनों देशों ने 1949 की युद्ध विराम रेखा को लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के रूप में मान्यता दी।