संसद का मानसून सत्र इस बार खासा गरम रहने वाला है। 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में कई बड़े और विवादित मुद्दे उठ सकते हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि वो विपक्ष के किसी भी सवाल पर चर्चा को तैयार है, बशर्ते वो नियमों के तहत हो। चर्चा का केंद्र रहेगा ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला और जस्टिस वर्मा पर लाया जाने वाला महाभियोग प्रस्ताव। दूसरी तरफ कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार विपक्ष की ‘स्पेशल सेशन’ की मांग से ध्यान भटकाने के लिए यह कदम उठा रही है।
सत्र की तारीखों का एलान और सरकार की रणनीति
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली में बताया कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार हर उस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है जिसे विपक्ष नियमों के तहत उठाना चाहे। रिजिजू ने खासतौर पर बताया कि सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में है।
जस्टिस वर्मा मामला: भ्रष्टाचार और आगजनी की गूंज संसद में
जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने के पीछे की वजह भी सामने आई। उनके लुटियंस दिल्ली स्थित बंगले में 14 मार्च की रात आग लग गई थी, जहां से 500-500 के जले हुए नोटों से भरे बोरे बरामद हुए। रिजिजू ने कहा कि यह मामला न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा है और इसमें राजनीति की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष से बातचीत कर आम सहमति बनाने की कोशिश चल रही है।
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमला: विपक्ष की मांग पर सरकार राजी
रिजिजू ने यह भी कहा कि अगर विपक्ष संसद के नियमों के मुताबिक मांग करता है तो सरकार पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुली चर्चा को तैयार है। विपक्ष इन मुद्दों पर लंबे वक्त से स्पेशल सेशन की मांग कर रहा था, जिस पर सरकार अब मानसून सत्र के दौरान चर्चा का विकल्प रख रही है।
विपक्ष का हमला: सरकार ध्यान भटका रही है
कांग्रेस ने सरकार पर सीधा हमला बोला। सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सरकार अचानक मानसून सत्र की घोषणा करके विपक्ष की विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि 47 दिन पहले कभी भी संसद सत्र का एलान नहीं हुआ, आमतौर पर यह 7-10 दिन पहले होता है। रमेश ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री भले ही विशेष सत्र से भाग सकते हैं, लेकिन मानसून सत्र से नहीं।
India गठबंधन का दबाव और पीएम को लिखा गया पत्र
विपक्षी INDIA गठबंधन की 3 जून को दिल्ली में बैठक हुई थी, जिसमें 17 दलों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। विपक्ष चाहता था कि ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता और CDS जनरल अनिल चौहान के बयान जैसे मामलों पर गहन चर्चा हो।

- संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा, इसकी घोषणा खुद किरेन रिजिजू ने की।
- सरकार ने कहा है कि वो पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है।
- विपक्ष ने सरकार पर विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है।
- कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री विशेष सत्र से बच सकते हैं, लेकिन मानसून सत्र से नहीं।