Monday, April 28, 2025
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प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा: आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूती देने की ओर कदम

नेशनल ब्रेकिंग. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के राजकीय दौरे पर मॉरीशस पहुंचे हैं। यहां वे 12 मार्च को मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेंगे। एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने अपनी यात्रा की शुरुआत में X पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री रामगुलाम का आभार व्यक्त किया। इसके बाद, वह पोर्ट लुईस स्थित अपने होटल पहुंचे, जहां भारतीय प्रवासियों ने उनका स्वागत किया और तिरंगा लहराते हुए ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।

दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दोनों देशों के आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। यह यात्रा 2015 के बाद भारतीय प्रधानमंत्री की मॉरीशस की दूसरी यात्रा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय सेना की एक टुकड़ी, नौसेना का वॉरशिप और एयरफोर्स की आकाश गंगा स्काई डाइविंग टीम भी राष्ट्रीय समारोह में हिस्सा लेगी।

हिंद महासागर में साझेदारी बढ़ाने पर जोर

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत और मॉरीशस के बीच मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देना है। दोनों देश हिंद महासागर के रणनीतिक महत्व को समझते हुए इस क्षेत्र में अपनी साझेदारी मजबूत करना चाहते हैं। इस यात्रा के दौरान व्हाइट-शिपिंग जानकारी साझा करने को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जिससे समुद्री सुरक्षा को और बढ़ावा मिलेगा।

भारत ने चागोस द्वीप पर मॉरीशस के दावे का फिर से समर्थन किया

PM मोदी की यात्रा से पहले भारत ने चागोस द्वीप पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया। भारतीय विदेश सचिव ने कहा कि भारत, चागोस द्वीप के लिए मॉरीशस के दावे का समर्थन करता है। यह भारत की विदेश नीति का हिस्सा है और इस मामले में भारत ने 50 वर्षों से चल रहे विवाद को सुलझाने में मदद की है। हाल ही में भारत की मदद से मॉरीशस को 60 द्वीपों से बना चागोस द्वीप मिल चुका है।

मॉरीशस भारत के लिए क्यों अहम है

मॉरीशस की रणनीतिक अहमियत भारत के लिए बढ़ी हुई है, खासकर जब से चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ानी शुरू की है। भारत ने 2015 में “सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर आल इन द रीजन” (SAGAR) परियोजना के तहत हिंद महासागर में अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत, भारत ने मॉरीशस के उत्तरी अगालेगा द्वीप पर मिलिट्री बेस के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, जिससे पश्चिमी हिंद महासागर में चीन के सैन्य जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रखी जा सके।

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