रविवार, जून 15, 2025
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PM मोदी ने लगाया ‘सिंदूर’ का पौधा, 1971 की वीरांगनाओं से मिली भेंट में दिखी ऑपरेशन सिंदूर की परछाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने आधिकारिक आवास पर सिंदूर का पौधा रोपित किया। यह सिर्फ एक पर्यावरणीय पहल नहीं थी, बल्कि उसमें राष्ट्रीय स्मृति और वीरता की एक गहरी परत भी जुड़ी थी। यह पौधा उन्हें हाल ही में गुजरात दौरे के दौरान उस वीरांगना समूह ने भेंट किया था, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपने साहस और योगदान के लिए पहचाना जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर की गूंज में प्रतीकवाद

यह सिंदूर का पौधा केवल एक इको फ्रेंडली गिफ्ट नहीं, बल्कि हालिया सैन्य कार्रवाई की गवाही भी है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। इस निर्णायक जवाबी कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया था। इस मिशन में 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया गया था।

पौधे का नाम ‘सिंदूर’ और ऑपरेशन ‘सिंदूर’ संयोग से नहीं, बल्कि रणनीतिक और भावनात्मक स्तर पर एक-दूसरे से जुड़ा प्रतीक बनते हैं। वीरांगनाओं द्वारा भेंट किया गया यह पौधा न सिर्फ महिला शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि उन तमाम परिवारों की वीरता की भी पहचान है, जिन्होंने देश के लिए सर्वस्व न्योछावर किया।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी जुड़ा

सिंदूर का पौधा भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं में विशेष स्थान रखता है। इसे शुभता, ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। मंदिरों में इसे खास तौर पर लगाया जाता है और घरों में इसकी उपस्थिति को मंगलकारी माना जाता है। इसकी देखभाल अपेक्षाकृत आसान होती है और यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होता है।

गुजरात दौरे में मिला था यह पौधा

प्रधानमंत्री मोदी 25-26 मई को गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर थे, जहां कच्छ जिले में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान उन्हें यह पौधा भेंट किया गया। इसी कार्यक्रम में उन्होंने 1971 की वीर महिलाओं को सम्मानित किया और राष्ट्र सेवा में उनके योगदान की सराहना की। भुज में आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि भारत की ओर आंख उठाने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान को सीधी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा था—”अपने हिस्से की रोटी खाओ, नहीं तो मेरी गोली तो है ही।”

यह पूरा घटनाक्रम केवल एक पौधा लगाने की औपचारिकता नहीं, बल्कि भावनात्मक राष्ट्रवाद, महिला सशक्तिकरण, और सैन्य रणनीति के प्रतीकों का संगम है। सिंदूर के पौधे के माध्यम से प्रधानमंत्री ने न केवल पर्यावरण को सहेजने का संदेश दिया, बल्कि देश की रक्षा और वीरता के सम्मान को भी स्वर दिया।

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  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने आवास में सिंदूर का पौधा लगाया, जो एक प्रतीकात्मक और भावनात्मक पहल थी।
  2. यह पौधा उन्हें 25-26 मई को गुजरात दौरे के दौरान 1971 भारत-पाक युद्ध की वीरांगनाओं के समूह ने उपहार स्वरूप दिया था।
  3. इस पौधे को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जोड़ा जा रहा है, जिसमें भारतीय सेना ने 7 मई को PoK और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।
  4. सिंदूर का पौधा शक्ति और शुभता का प्रतीक माना जाता है और धार्मिक-सांस्कृतिक मान्यताओं में इसका खास स्थान है।
  5. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था—“अपनी रोटी खाओ, नहीं तोhimपगल मेरी गोली तो है ही।”
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