प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने 8 अप्रैल 2025 को अपने 10 साल पूरे कर लिए। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को कोलेटरल-फ्री वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना था। बीते एक दशक में यह योजना देश के उद्यमशीलता परिदृश्य को गहराई से प्रभावित कर चुकी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, योजना के तहत अब तक 52 करोड़ से अधिक लोगों को लोन दिया गया है। स्वीकृत राशि ₹32.61 लाख करोड़ से भी अधिक हो चुकी है, जो योजना की पहुंच और सफलता को दर्शाती है।
महिलाओं और वंचित वर्गों को मिला विशेष लाभ
इस योजना के 68-70% लाभार्थी महिलाएं हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि यह योजना महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने में प्रभावी रही है। साथ ही, 51% से अधिक लोन एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों को दिए गए हैं, जिससे इन वर्गों का औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जुड़ाव बढ़ा है।
मुद्रा लोन का प्रभाव ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में विशेष रूप से देखा गया है। छोटे दुकानदार, फल-सब्ज़ी विक्रेता, ऑटो-चालक, महिला कढ़ाई-कटाई कारीगर जैसे लोग इससे लाभान्वित हुए हैं। इससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिला और लाखों नई नौकरियां भी पैदा हुईं।
PM मुद्रा लोन योजना की श्रेणियां: व्यवसाय की जरूरत के अनुसार लोन
- शिशु लोन – ₹50,000 तक का लोन, मुख्यतः नए व्यवसाय शुरू करने वालों के लिए
- किशोर लोन – ₹50,000 से ₹5 लाख तक का लोन, बढ़ते व्यवसायों के लिए
- तरुण लोन – ₹5 लाख से ₹10 लाख तक का लोन, स्थापित व्यवसायों के विस्तार हेतु
- तरुण प्लस लोन – अब इस सीमा को ₹20 लाख तक बढ़ा दिया गया है।
कोलेटरल-फ्री लोन और डिजिटल लेनदेन का बढ़ावा
PMMY के अंतर्गत दिए गए लोन क्रेडिट गारंटी फंड फॉर माइक्रो यूनिट्स (CGFMU) के अंतर्गत आते हैं, जो NCGTC द्वारा संचालित है। यानी किसी भी प्रकार की संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती। साथ ही, मुद्रा कार्ड के जरिए कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करना और डिजिटल ट्रांजेक्शन को अपनाना भी आसान हुआ है।
रीपेमेंट, प्रोसेसिंग और शुल्क
- शिशु लोन की अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि 5 वर्ष तक हो सकती है
- अन्य श्रेणियों में यह अवधि 3 वर्ष तक हो सकती है
- अधिकतर लेंडर संस्थान शिशु लोन पर प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लेते
- ऋण की अवधि व्यवसाय से होने वाले कैश फ्लो और परिसंपत्तियों के जीवनकाल पर निर्भर करती है
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता
PMMY के लिए आवेदन दो तरीकों से किया जा सकता है:
- ऑनलाइन – www.udyamimitra.in पोर्टल पर
- ऑफलाइन – किसी भी सार्वजनिक या निजी बैंक, RRB, NBFC या माइक्रो फाइनेंस संस्थान में जाकर
किन्हें मिल सकता है लोन
- आवेदक का क्रेडिट रिकॉर्ड संतोषजनक होना चाहिए
- किसी बैंक या वित्तीय संस्था में डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए
- व्यवसाय से संबंधित अनुभव या स्किल (यदि आवश्यक हो) का मूल्यांकन किया जा सकता है
मुद्रा लोन उन व्यक्तियों या व्यवसायों को दिया जाता है, जो मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, ट्रेडिंग या प्रोसेसिंग जैसी गतिविधियों से जुड़े हैं।

- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने 8 अप्रैल 2025 को 10 साल पूरे कर लिए।
- योजना के तहत अब तक 52 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को लोन दिया जा चुका है।
- कुल स्वीकृत राशि ₹32.61 लाख करोड़ से भी अधिक हो चुकी है।
- 68% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिली।
- 51% से अधिक लोन एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को मिले, जिससे वित्तीय समावेशन बढ़ा।
- “शिशु”, “किशोर” और “तरुण” श्रेणियों के तहत ₹50,000 से ₹10 लाख तक के लोन मिलते हैं, अब “तरुण प्लस” के तहत सीमा ₹20 लाख तक बढ़ाई गई है।