बैंकिंग सेवाएं केवल बैंकों तक सीमित नहीं हैं। भारत के पोस्ट ऑफिस (डाकघर) भी देश के नागरिकों को कई प्रकार की बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करते हैं। जैसे बैंक अपने ग्राहकों को खाता, एफडी और बचत योजनाएं उपलब्ध कराते हैं, वैसे ही पोस्ट ऑफिस भी खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और विभिन्न योजनाओं की पेशकश करता है।
पोस्ट ऑफिस की बैंकिंग सेवाएं कई मामलों में बड़े सरकारी और निजी बैंकों से भी बेहतर साबित होती हैं। आइए जानते हैं पोस्ट ऑफिस और बैंकों की बैंकिंग सेवाओं में क्या अंतर है और किसके फायदे ज्यादा हैं।
पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट: ब्याज दरों में आगे
पोस्ट ऑफिस का सेविंग्स अकाउंट ग्राहकों को सालाना 4 प्रतिशत की ब्याज दर प्रदान करता है। यह दर देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के मुकाबले काफी ज्यादा है, जो केवल 2.70 प्रतिशत का ब्याज देता है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक (PNB) भी अपने सेविंग्स अकाउंट में 2.75 प्रतिशत की ब्याज दर ऑफर करता है, जो पोस्ट ऑफिस से कम है।
प्राइवेट बैंक भी पीछे
निजी बैंकों की बात करें तो एचडीएफसी (HDFC) और आईसीआईसीआई (ICICI) जैसे बड़े बैंकों के सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज दरें पोस्ट ऑफिस से कम हैं। यह स्थिति पोस्ट ऑफिस को एक मजबूत विकल्प बनाती है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो सुरक्षित और अधिक रिटर्न चाहते हैं।
पोस्ट ऑफिस बचत योजनाएं: लाभकारी और सुरक्षित
पोस्ट ऑफिस केवल सेविंग्स अकाउंट ही नहीं, बल्कि कई प्रकार की बचत योजनाएं भी प्रदान करता है। इनमें किसान विकास पत्र (KVP), मंथली इनकम स्कीम (MIS), सुकन्या समृद्धि योजना और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) शामिल हैं। ये योजनाएं न केवल उच्च ब्याज दरें प्रदान करती हैं, बल्कि सरकारी गारंटी के तहत आती हैं, जिससे निवेशकों की पूंजी पूरी तरह सुरक्षित रहती है।
बेहतर विकल्प क्यों है पोस्ट ऑफिस बैंकिंग
जहां बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं, वहीं पोस्ट ऑफिस की योजनाएं स्थिर और आकर्षक रिटर्न प्रदान कर रही हैं। इसके अलावा, पोस्ट ऑफिस बैंकिंग के माध्यम से आम जनता को सुरक्षित और लाभकारी निवेश का अवसर मिलता है।