रविवार, जून 15, 2025
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इसरो का EOS‑09 मिशन नहीं हो पाया पूरा, PSLV‑C61 के तीसरे चरण में हुई गड़बड़ी, रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट कक्षा में नहीं पहुंच पाया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को PSLV‑C61 रॉकेट के साथ EOS‑09 सैटेलाइट लॉन्च किया। प्रक्षेपण के शुरुआती दो चरण सामान्य रहे, पर तीसरे चरण के संचालन के दौरान अनियोजित अवरोध सामने आया। ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने बताया कि इसी तकनीकी गड़बड़ी ने मिशन को अधूरा छोड़ दिया। अब संगठन विस्तृत डेटा विश्लेषण कर समस्या की जड़ तक पहुंचने का इरादा रखता है।

EOS‑09: पृथ्वी अवलोकन के लिए रिपीट सैटेलाइट

EOS‑09, अपने पहले के EOS‑04 का अपडेट वर्जन है, जिसे सूर्य समकालिक कक्षा (SSPO) में स्थापित कर देश को उन्नत रिमोट सेंसिंग डेटा मुहैया कराना था। कृषि, वन, बाढ़ प्रबंधन जैसे क्षेत्रों के उपयोगकर्ता समुदाय को इस उपग्रह से नियमित और सटीक आंकड़े मिलने की उम्मीद थी, जिससे नीति‑निर्माण और आपदा निगरानी को बल मिलता।

आगे की राह: डेटा जांच के बाद दोबारा मिशन पर लौटने की तैयारी

इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया, “तीसरे चरण के दौरान हमने एक अनपेक्षित अवरोध दर्ज किया। विस्तृत उड़ान‑डेटा की जांच के बाद हम कारणों का निर्धारण कर मिशन को पुनः लॉन्च करेंगे।” विफलता‑विश्लेषण समिति (Failure Analysis Committee) 24 घंटों के भीतर गठन की संभावना है, जो सेंसर लॉग्स, प्रोपेलेंट प्रेशर प्रोफाइल और स्टेज सेपरेशन टेलीमेट्री की गहन समीक्षा करेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) ने 1994 से अब तक 60 से अधिक सफल उड़ानों में 90 % से अधिक सफलता दर दिखाई है, इसलिए यह एक दुर्लभ तकनीकी चूक मानी जा रही है। रॉकेट के ठोस‑ईंधन तीसरे चरण (PS3) में अक्सर तापमान और थ्रस्ट प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण होता है; जाँच रिपोर्ट में इसी मार्ग में त्रुटि खोजने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।

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