रविवार, जून 15, 2025
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व्हाइट हाउस में ट्रम्प और साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति में बहस, गोरे किसानों के नरसंहार को लेकर लगाए आरोप

व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बीच तीखी बहस हुई। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि साउथ अफ्रीका में गोरे किसानों का नरसंहार किया जा रहा है और वहां की सरकार इसे रोकने में नाकाम रही है।

ट्रम्प ने बैठक के दौरान एक वीडियो पेश किया, जिसे उन्होंने सबूत बताया। उनके अनुसार यह वीडियो दर्शाता है कि साउथ अफ्रीका में गोरे लोगों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। ट्रम्प ने कहा कि इससे डरे किसान अब अमेरिका की ओर पलायन कर रहे हैं, और रामफोसा को इस पर तत्काल एक्शन लेना चाहिए।

रामफोसा का खंडन: “सिर्फ गोरे नहीं, सभी नस्लों पर हो रही है हिंसा”

ट्रम्प के आरोपों पर रामफोसा ने सख्त लेकिन संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने नरसंहार के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि साउथ अफ्रीका में अपराध एक बड़ी समस्या है, लेकिन इससे प्रभावित सिर्फ गोरे नहीं बल्कि अश्वेत समुदाय के लोग भी हैं। उन्होंने कहा कि “हमारे देश में सभी नस्लें पीड़ित हैं। अश्वेतों की संख्या इस पीड़ा में कहीं ज्यादा है।”

रामफोसा ने ट्रम्प द्वारा दिखाए गए वीडियो को लेकर कहा कि उन्होंने यह क्लिप पहले कभी नहीं देखी है और सरकार इसकी सत्यता की जांच करेगी।

ट्रंप ने दिखाई खबरों की कॉपियां

बैठक के दौरान माहौल तब और तल्ख हो गया जब ट्रम्प ने न्यूज आर्टिकल्स की प्रिंटेड कॉपियाँ दिखानी शुरू कर दीं, जिनमें गोरे किसानों की हत्याओं की रिपोर्ट थीं। ट्रम्प पन्ने पलटते हुए जोर से कहते रहे—”हत्या… हत्या…”। जवाब में रामफोसा ने ट्रम्प को कतर सरकार से मिले गिफ्ट प्लेन का हवाला देते हुए चुटकी ली—“माफ कीजिए, मेरे पास आपको देने के लिए प्लेन नहीं है।” ट्रम्प ने भी तंज कसते हुए कहा, “काश आपके पास होता, तो मैं ले लेता।”

रामफोसा की सफाई: “हमारा लोकतंत्र सबको बोलने की आज़ादी देता है”

रामफोसा ने बाद में स्पष्ट किया कि जिस वीडियो का ट्रम्प ज़िक्र कर रहे हैं, उसमें देश की सच्चाई को एकतरफा दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में कई राजनीतिक दल और विचारधाराएं हैं और सभी को बोलने की आज़ादी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की नीति उस वीडियो में कही गई बातों से मेल नहीं खाती।

रामफोसा ने नेल्सन मंडेला की सीख का हवाला देते हुए कहा कि समस्याओं का समाधान संवाद और सहयोग से ही निकलेगा न कि आरोपों से।

जमीन अधिग्रहण कानून पर भड़के ट्रम्प

इस पूरे घटनाक्रम के पीछे की बड़ी वजह दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में लागू हुआ जमीन अधिग्रहण कानून भी है। 9 अक्टूबर 2024 को राष्ट्रपति रामफोसा ने इस कानून पर दस्तखत किए थे, जिसके तहत सरकार सार्वजनिक हित के लिए निजी जमीन का अधिग्रहण बिना मुआवजा दिए कर सकती है।

इस कदम को रंगभेद काल के अन्यायों को सुधारने की दिशा में उठाया गया बताया गया, जब अश्वेतों से उनकी ज़मीनें छीन ली गई थीं। लेकिन ट्रम्प और टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने इसे “जबरन जमीन छीनने” का मामला बताया और आलोचना की। ट्रम्प ने इस कानून को गोरे लोगों के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते हुए साउथ अफ्रीका को दी जाने वाली अमेरिकी आर्थिक सहायता रोकने की धमकी भी दे डाली।

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